… और बाप- बेटे की जोड़ी को देख भागने लगते हैं पदाधिकारी
फूल वाली पार्टी में इन दिनों टिकट को लेकर भाग दौड़ चल रही है। एक पिता- पुत्र की जोड़ी टिकट के लिए भाग दौड़ में लगी है। पिता अपने बेटे को टिकट दिलवाना चाहते हैं। अब स्थिति यह है कि मेरठ अर्थात क्षेत्रीय कार्यालय में बैठने वाले फूल वाली पार्टी के बड़े नेता दोनों की जोड़ी को देखते ही बचकर भागने का प्रयास करने लगते हैं। एक कार्यकर्ता दरबारी लाल से आंखों देखा हाल बताते हुए कहते हैं कि मजबूत पदाधिकारी का एक हाथ बाप के हाथ में होता है तो दूसरा हाथ बेटे के हाथ में। अब नेताजी को जान छुड़ाना मुश्किल लगता है। ऐसे में दोनों को देखते ही वे भागने लगते हैं। अब यह भी बता दें कि दोनों मजबूत कद काठी वाले हैं।
… इसे चुनावी स्टंट कहें या फिर भूल सुधार
भाजपा के एक विधायक अपने दो प्रतिनिधियों को लेकर काफी लंबे समय से पार्टी कार्यकतार्ओं और लोगों के निशाने पर थे। कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी विधायक जी का विरोध हो चुका था। सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी अपनी छीछालेदर होती देख विधायक जी ने फिलहाल दोनों प्रतिनिधियों से किनारा कर लिया है। अब सार्वजनिक कार्यक्रमों में उन्होंने दोनों प्रतिनिधियों को ले जाना बंद कर दिया है। दरबारी लाल के कान में जब यह बात पड़ी तो उन्होंने पार्टी के एक नेता से कारण जानना चाहा तो उन्होंने भी चुटकी लेते हुए कहा कि टिकट होने के बाद दोनों हमनवाज को फिर बुला लिया जाएगा, उन्हें कौन-सा देश निकाला दिया है। यह तो चुनावी स्टंट है।