कहीं प्रत्याशियों को डस न ले कोरोना का डंक
विधानसभा चुनाव टिकट दावेदारों पर राजनीतिक दलों की नजर, कहीं कोरोना की चपेट में तो नहीं
अशोक ओझा
लखनऊ। नये साल 2022 में लगातार बढ़ता कोरोना के चलते राजनीतिक दलों में बेचैनी बढ़ने लगी है। राजनीतिक दलों को चिंता इस बात की है कि जिसे वे चुनाव लड़वाना चाहते हैं उसे कहीं कोरोना का डंक न लग जाये। यहीं कारण है कि राजनीतिक दल खासकर भाजपा की नजरें अपने भावी प्रत्याशियों पर लग गई है। अब तो भावी प्रत्याशियों को कोरोना से बचने की सलाह भी अंदरखाने दी जाने लगी है।
इस समय देश में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है। देश के अन्य राज्यों के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी कोरोना लगातार बढ़ रहा है। इसके साथ ही ओमीक्रान के मामले भी बढ़ रहे हैं। इस स्थिति ने राजनीतिक दलों खासकर भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ वर्तमान में चल रहे कोरोना संक्रमण को गंभीर नहीं मानते। बावजूद इसके राजनीतिक दल बेचैन है। इस समय हर जिले में संभावित विधानसभा टिकट दावेदारों पर सभी की नजरें हैं कि कोई मजबूत दावेदार कोरोना की चपेट में तो नहीं है। यदि गाजियाबाद जिले की ही बात करें तो साहिबाबाद के वर्तमान विधायक सुनील शर्मा के बाद केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्र पांडेय कोरोना से ग्रसित हो गये।
यशोदा अस्पताल के प्रवक्ता की मानें तो सुनील शर्मा अब स्वस्थ्य है। इसके साथ ही विशेषज्ञ मानते हैं कि वर्तमान में चल रहा कोरोना गंभीर नहीं है। तीन से चार दिन में मरीज स्वस्थ्य होकर घर लौट रहे हैं। विधायक सुनील शर्मा भी मंगलवार को अनेक योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह से स्वस्थ्य है तथा जनता के बीच मंगलवार से नजर आयेंगे। उधर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी भी अपने प्रत्याशियों पर नजर बनाये हुए हैं। सपा भी अपने मजबूत दावेदारों पर गोपनीय रूप से नजर बनाये हुए हैं।
चुनावी समय पर कैसे बचें मास्क लगाकर
यह माना जा रहा है कि इस सप्ताह के अंत तक अथवा अगले सप्ताह में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो जायेगी तथा तिथियों की घोषणा हो जायेगी। एक मजबूत दावेदार एवं विधायक कहते हैं कि इस समय लोकार्पण एवं शिलान्यास का दौर चल रहा है। ऐसे में जनता के बीच जाने से बचा नहीं जा सकता। इसके साथ ही अपनों के बीच मास्क लगाकर भी रहना कठिन है। बाकि भगवान पर भरोसा है।
कोरोना का डंक ले उड़ा सकता है टिकट
प्रदेश की राजधानी के उच्चस्तरीय सूत्रों की मानें तो कोरोना का डंक संभावित प्रत्याशी के साथ ही उसके टिकट पर भी लग सकता है। अब यह दावेदारों को तय करना है कि इस डंक से किस प्रकार बचाव करना है। दावेदारों के लिए इधर कुआं, उधर खाई वाली स्थिति है।