… पिता चलाने लगे नल तो बेटा क्या करेगा
एक पूर्व एमएलसी गुरुवार को नल वाली पार्टी में शामिल हो गये। कुछ समय पूर्व ही इन पूर्व एमएलसी के पुत्र को इसी कारण फूल वाली पार्टी के एससी क्षेत्रीय मोर्चा में पद मिला था। लेकिन अब पिताजी नल चलाने गये हैं। जबकि बेटा जी भाजपा में है। दबरारी लाल के कान में एक चाणक्य ने फूंक मारी कि बेटे को पद मिला था पिता के कारण। लेकिन अब पिताजी ही दूसरे दल में चले गये तो अब बेटे के पद पर रहने से क्या लाभ। बात तो पते की कही गई थी। देखते हैं कि बेटा भी पिता के नक्शे कदम पर चलता है अथवा पद के लालच में फूल का झंडा उठाता है।
… जब समय की कीमत नहीं पता तो खिलाड़ियों को क्या सिखाएंगी मैडम
खेलों में समय की बाध्यता एक अहम हिस्सा होता है। नजर चूकते ही खिलाड़ी धराशाही हो सकता है और समय पर अपना हुनर दिखा कर खिलाड़ी अव्वल भी हो सकता है, इसलिए खिलाड़ियों को सबसे पहले समय की महत्ता का पाठ पढ़ाया जाता है। लेकिन शायद यह पाठ जिले की खेल अधिकारी सीट पर बैठने के बाद भूल गई है। गुरुवार को जिले की खेल अधिकारी ने पत्रकारों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया। लेकिन खुद नदारद रही। काफी बार फोन करने के बाद अपने कार्यालय पहुंची और अपनी व्यस्तता का हवाला दिया। लेकिन मैडम अगर खिलाड़ी होने के बाद भी आप समय की कीमत नहीं जानेंगे तो फिर बच्चों को क्या सिखाएंगे।