कोरोना एक बार फिर से गति पकड़ने लगा है। पूरे देश में कोरोना के मामले तेज गति से बढ़ने लगे हैं। गाजियाबाद जिले में भी कोरोना शतक लगाने के करीब पहुंच गया है। लेकिन लगता है कि आम लोगों को कोरोना का कोई डर ही नहीं है। आम से लेकर खास तक कोरोना से लापरवाह होकर घूम रहे हैं। न कहीं मास्क, न सामाजिक दूरी। इसी वर्ष पूरा विश्व कोरोना महामारी से कराह चुका है। अप्रैल माह में कोरोना के हालात क्या हुए थे यह किसी से छुपा नहीं है। प्रदेश के मुखिया के कड़े निर्देशों के बावजूद कहीं भी सख्ती नजर नहीं आ रही है। चाहे बाजार हो, मॉल, रेस्टोरेंट, बस, ट्रेन कहीं पर भी कोविड गाइड लाइन का पालन होते नहीं दिख रहा है। ऐसा लगता है पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं। उनकी तरफ से कोरोना बढ़े तो बढ़ता रहे। दूसरी तरफ राजनीतिक दल भी कोरोना को बढ़ाने में पूरी से सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। राजनीतिक रैलियां अपने चरम पर है। कोई भी राजनीतिक दल रैलियों के मामले में पीछे नहीं रहना चाहता। इनके लिए कोरोना से बढ़कर चुनाव है। चुनाव आयोग भी स्पष्ट कह चुका है कि चुनाव नीयत समय पर होंगे। लेकिन कोरोना को कैसे रोका जायेगा यह कोई नहीं बता रहा। अब लोगों को खुद जागरूक होना होगा। यदि खुद ने बचाव शुरू कर दिया तो रोक भी संभव है।