प्रदेश सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय व बैठक भत्तों में की वृद्धि
अथाह ब्यूरो,
लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने और विकास की इस धुरी को अधिक ससक्त बनाने पर बल दिया है। सरकार ने अपने सुधारों में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय/बैठक भत्ता को बढ़ाते हुए, ग्राम पंचायत के सदस्यों को भी वर्ष में 12 बैठकों तक के लिए प्रति बैठक 100 रू0 बैठक भत्ता देकर सम्मान दिया है।
73वें संविधान संशोधन के फलस्वरूप त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था को संवैधानिक स्थान प्राप्त हुआ एवं विकेन्द्रित नियोजन प्रक्रिया में विभिन्न विकास कार्यों के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी पंयाचतों को सौंपी गई है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक 58,189 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय की स्थापना का निर्णय लिया गया है। ग्राम सचिवालय में पंचायत सहायक के साथ बी0सी0 सखी, जन सेवा केन्द्र (सी0एस0सी0) व महिला पुलिस बीट कर्मी को स्थान आवंटित कर जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण एवं सर्विस डिलीवरी को मजबूत करने की नई पहल शुरू की गई है।
उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत पदाधिकारियों के मानदेय/बैठक भत्ता में प्रदेश सरकार ने बढ़ोत्तरी की है। प्रदेश के ग्राम प्रधानों को मिल रहे 3,500 रू0 के मानदेय में 1500 रू0 की बढ़ोत्तरी करते हुए अब 5000 रू0 कर दिया है। प्रमुख, क्षेत्र पंचायत को मिल रहे 9,800 रू0 के मानदेय में 1500 रू0 की बढ़ोत्तरी करते हुए 11,300 रू0 कर दिया है। उसी तरह अध्यक्ष, जिला पंचायत को मिल रहे 14,000 रू0 के मानदेय में 1500 रू0 की बढ़ोत्तरी करते हुए 15,500 रू0 कर दिया है। सदस्य, जिला पंचायत को मिल रहे 1000 रू0 प्रति बैठक के मानदेय में 500 रू0 की बढ़ोत्तरी करते हुए 1500 रू0 प्रति बैठक (वर्ष में 6 बैठक) कर दिया है। सदस्य, क्षेत्र पंचायत को मिल रहे 500 रू0 प्रति बैठक के मानदेय में 500 रू0 की बढ़ोत्तरी करते हुए 1000 रू0 प्रति बैठक (वर्ष में 6 बैठक) कर दिया है। अब सदस्य, ग्राम पंचायत को भी 100 रू0 प्रति बैठक (वर्ष में अधिकतम 12 बैठकों के लिए) बैठक भत्ता मिलेेगा। पंचायत प्रतिनिधियों को दिये जाने वाला यह मानदेय/बैठक भत्ता राज्य वित्त आयोग से प्राप्त होने वाली धनराशि के 10 प्रतिशत धनराशि को केन्द्रीय वित्त आयोग की भांति प्रशासनिक एवं ओ0 एण्ड एम0 मद में अनुमन्यता के आधार पर भुगतान किया जाएगा।