… तो क्या भाजयुमो जिलाध्यक्ष के खिलाफ शुरू हो चुकी बगावत
वाह रे भाजयुमो जिलाध्यक्ष। इस पद पर जब से नियुक्ति हुई है तब से ही रोज नयी नयी खबरें आती है। कभी वे स्वयं ही पूरी कमेटी घोषित कर देते हैं, कभी पदाधिकारियों को ग्रुप से बाहर करते हैं। कभी किसी को जबरन हटाना चाहते हैं। पिछले दिनों तो उन्होंने भरी बैठक में अपने ही जिलाध्यक्ष पर आरोप लगा दिये। खैर मामला क्षेत्र एवं प्रदेश के पदाधिकारी ने संभाला। भाजयुमो जिलाध्यक्ष पर उनकी ही कमेटी के लोग तानाशाही का आरोप भी लगाते हैं। इस बार अध्यक्षजी ने पुराना व्हाटसअप ग्रुप को खत्म कर नया गु्रप बनाया। लेकिन यह क्या युवा मोर्चा में विद्रोह हो गया। दरबारी लाल को खबर मिली है कि मोदीनगर के युवा मोर्चा के सभी पदाधिकारियों ने बगावत करते हुए खुद को ग्रुप से बाहर कर लिया है। एक पदाधिकारी कहते हैं कि अब तानाशाही बर्दाश्त नहीं होती। यहीं कारण है कि बड़ा कदम उठाया गया है। देखते हैं अध्यक्षजी आगे क्या करते हैं।
…तो चुनाव में काम के लिए बांटे जा रहे हैं टोकन
चुनावी समर शुरू हो गया है, तो जाहिर है कि लोगों को सब्जबाग दिखाने वाले वादे भी मार्केट में अब ज्यादा ही दिखेंगे। दरबारी लाल के सामने एक ऐसा ही मामला सामने आया। दरअसल रविवार से मुफ्त राशन वितरण अभियान का शुभारंभ हुआ। जिसमें प्रदेश के राज्यमंत्री भी पहुंचे और कार्ड धारकों को खाद्यान्न वितरण के बाद उन्होंने कार्यकतार्ओं से मुलाकात की। मंत्री जी को शहर मंडल के एक महामंत्री टकरा गये। मंत्री जी से उनसे कहा कि क्षेत्र में ऐसा आदमी तैयार करो, जो पार्षद की चुनाव लड़ सकें। इस पर महामंत्री महोदय ने तुरंत अपना नाम आगे सरका दिया। फिर क्या था, मंत्री जी ने भी तुरंत महामंत्री महोदय को पार्षद का टोकन पकड़ा दिया और कहा कि जाओ अगले पार्षद क्षेत्र के तुम ही बनोंगे। तब से महामंत्री जी कूदे-कूदे घूम रहे है कि मंत्री जी का आशीर्वाद मिल गया। अब उन्हें कौन बताएं कि चुनाव के समय पर वादे और पदो के टोकन नहीं बांटेंगे तो उनसे कौन जुड़ा रहेगा। आखिर लालच में ही तो कोई चुनाव में काम करता है।