Dainik Athah

राम नगरी में दीपोत्सव के बाद अब बाबा की नगरी में मनेगा शिव उत्सव

रोशनी से नहाया जल थल व नभ

काशी के कण कण में बसने वाले शंकर दुनिया को देंगे अध्यात्म की नई रोशनी

अथाह ब्यूरो,
वाराणसी।
भगवान राम के वनवास से लौटने के बाद अयोध्या नगरी में जिस तरह दीपोत्सव मनाया गया था, अब उसी तर्ज पर श्री काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के समय शिव की नगरी काशी में प्रकाश उत्सव मनाने की तैयारी चल रही है। तैयारियों ऐसी है कि काशी का कण कण प्रकाशित होगा। कई लाख झालरों और दीपों की अद्भुत छठा जन जन को धरती पर स्वर्ग सा नजारा दिखाने के लिए पर्याप्त होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने महत्वाकांक्षी योजना श्री काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन 13 दिसम्बर को करेंगे।

श्री काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन दुनिया के लिए मिसाल होगा। धाम के विकास, विस्तार और सौंदर्यीकरण के बाद 50 हजार स्क्वायर मीटर में धाम की आभा निखर के दुनिया के सामने दिखने लगी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाबा धाम के लोकार्पण के मौके को भी बेहद खास बना रहे है। जिससे पूरी दुनिया भारत के आध्यात्मिक दर्शन को आत्मसात कर सके।

देश की धार्मिक राजधानी काशी में धार्मिक आयोजन के समय भी राष्ट्रीयता का बोध कराती रोशनी पूरी दुनिया में उजाला फैलाएगी। पूरी काशी रोशनी में नहा रही है। चौक -चौराहे, स्ट्रीट लाइट के खंभे,सरकारी भवन, सभी घाट, काशी में स्थित सभी विश्वविद्यालय, कॉलेज स्कूल, बिल्डिंग ,होटल रेस्टोरेंट, रेलवे स्टेशन, आरओबी, ऐतिहासिक टाउन हॉल, कुंड तालाब, टीवी टावर जैसे अधिकतर जगहों पर तिरंगे रंग में रोशनी की गई है। अकेले नगर निगम 28 से अधिक स्थानों पर करीब 55 लाख से अधिक झालरो से शहर को रोशन किया है।

13 दिसम्बर को लोकार्पण के दिन काशी में करोड़ों दीप और झालर टिमटिमाएंगे। मानो तारे जमीन पर आ गए हो, यही नहीं 13 दिसम्बर को शायद वाराणसी दुनिया का ऐसा शहर होगा जहां रात में भी दिन का अहसास होगा। काशी के कण कण में बसने वाले शंकर दुनिया को नई रौशनी देंगे। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के दिन सभी नावें सजेंगी। लेजर शो होगा।

नगर निगम के अधिशासी अभियंता अजय कुमार राम ने बताया कि तीन तरह की झालरों से शहर रोशन हो रहा है। नगर निगम अकेले 28 से अधिक स्थानों पर करीब 55 लाख अधिक झालरो से सजाया है। जिसमें फसाड लाइट, एलईडी स्ट्रिप एलईडी झालर है। जरूरत और सुंदरता के मुताबिक तिरंगा रंग और पिली और अन्य लाइट का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा अलग -अलग सरकारी और निजी संस्थाओं और काशीवासियो ने शहर से लेकर गांव तक करोड़ो की संख्या में झालर और दीपों से अप्रितम सजावट किया है।

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