प्रथम चरण के निर्माण की लागत 4588 करोड़ रुपए की होगी
पूरी परियोजना निर्माण की लागत 29 हजार 560 करोड़ रुपए
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों को मिलेगा नया रोजगार
अथाह संवाददाता,
ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के भूमिपूजन एवं शिलान्यास के बाद एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी का नया भारत आज एक से बढ़कर एक बेहतरीन आधुनिक ढांचागत निर्माण कर रहा है। बेहतर सड़कें, बेहतर रेल नेटवर्क, बेहतर एयरपोर्ट ये सिर्फ ढांचागत परियोजनाएं ही नहीं होतीं बल्कि ये पूरे क्षेत्र का कायाकल्प कर देती हैं और लोगों का जीवन पूरी तरह से बदल देती हैं। उन्होंने कहा कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तरी भारत का लॉजिस्टिक गेटवे बनेगा। ये इस पूरे क्षेत्र को राष्ट्रीय गतिशक्ति मास्टर प्लान का एक सशक्त प्रतिबिंब बनाएगा।
उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान रोजगार के हजारों अवसर बनते है। हवाई अड्डे को सुचारु रूप से चलाने के लिए भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों को नए रोजगार भी देगा। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे, मेट्रो, रेलवे, डीएफसी आदि के संपर्क से युक्त यह हवाईअड्डा कनेक्टिविटी के मामले में देश का अनूठा हवाई अड्डा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मोदी और योगी भी चाहते तो 2017 में सरकार बनते ही यहां आकर फोटो खिंचवा लेते, पर होता कुछ नहीं।’ उन्होंने कहा कि पहले राजनीतिक लाभ के लिए ढांचागत परियोजनाओं की घोषणा होती थी। परियोजनाएं कैसे जमीन पर उतरें, उनके लिए धन का प्रबंध कैसे हो, दशकों तक तक ये उसी में अटकी रहती थीं। फिर बहानेबाजी शुरू होती थी। उन्होंने कहा कि ढांचागत विकास हमारे लिए राजनीति का नहीं बल्कि राष्ट्रनीति का हिस्सा है। हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि परियोजनाएं अटके नहीं, लटके नहीं, भटके नहीं। हम ये सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि तय समय के भीतर ही ढांचागत का काम पूरा किया जाए। अब डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से आज हम उसी हवाई अड्डे के भूमिपूजन के साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के सात दशक बाद, पहली बार उत्तर प्रदेश को वो मिलना शुरु हुआ है, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है। डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से, आज उत्तर प्रदेश देश के सबसे कनेक्टेड क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस हवाईअड्डे से अलीगढ़, मथुरा, मेरठ, आगरा, बिजनौर, मुरादाबाद एवं बरेली में उद्योगों को बहुत लाभ होगा। खुर्जा के कलाकृतियां, मेरठ के खेल उत्पाद, सहारनपुर का फर्नीचर, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, आगरा के जूता उद्योग एवं पेठा उद्योग को इस हवाईअड्डे के सहारे अंतरराष्ट्रीय बाजार में पंख पसारने में मदद मिलेगी। श्री मोदी ने कहा कि हमारे देश में कुछ राजनीतिक दलों ने हमेशा अपने स्वार्थ को सवरेपरि रखा है। इन लोगों की सोच रही है- अपना स्वार्थ, सिर्फ अपना खुद का, परिवार का विकास। जबकि हम राष्ट्र प्रथम की भावना पर चलते हैं। सबका साथ-सबका विकास, सबका विकास-सबका प्रयास, हमारा मंत्र है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की 24 करोड़ जनता की तरफ से प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह एवं संजीव बालियान, राज्य सरकार में मंत्री जयप्रताप सिंह, श्रीकांत शर्मा, स्थानीय सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा, डॉ. भोला सिंह आदि नेता उपस्थित थे।
गौरतलब है कि हवाई अड्डे के लिए आवश्यक करीब 6200 हेक्टेयर जमीन में से पहले चरण के निर्माण के लिए 1334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। सभी प्रकार की स्वीकृतियां प्राप्त हो चुकीं हैं। निर्माण करने वाली कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की भारतीय इकाई ने निर्माण की पूरी योजना तैयार कर ली है। पहले चरण में एक रनवे एवं एक टर्मिनल के साथ निर्माण शिलान्यास के 1095 दिनों के भीतर किया जाएगा और 29 सितंबर 2024 में पहली यात्री अथवा कार्गो उड़ान संचालित होने लगेगी। सरकार ने निर्माण की समयावधि को लेकर बहुत कठोर शर्तें रखीं हैं। निर्माण में देरी होने पर कड़े दंडात्मक प्रावधान रखे हैं। जमीन के अधिग्रहण के पश्चात 3002 परिवारों के पुनर्वास का कार्य भी पूरा हो गया है। सबको वैकल्पिक भूमि एवं आवास प्रदान किया जा चुका है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रथम चरण के निर्माण की लागत 4588 करोड़ रुपए की होगी जो निवेशक कंपनी व्यय करेगी जबकि भूमि अधिग्रहण की लागत 4326 करोड़ आयी है जिसे उत्तर प्रदेश सरकार वहन कर रही है। इस प्रकार प्रथम चरण की कुल लागत 8914 करोड़ रुपए आयी है। आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार पूरी परियोजना की निर्माण लागत 29 हजार 560 करोड़ रुपए की होगी।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनआईए) के साथ उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य होगा, जहां पांच अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे बनाये जा रहे हैं। कुशीनगर हवाई अड्डे का हाल में उद्घाटन हो चुका है और अयोध्या में एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण-कार्य चल रहा है। लखनऊ एवं वाराणसी पहले ही अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में काम कर रहे हैं। राज्य में इस समय नौ हवाई अड्डे परिचालित हैं जिनमें इन लखनऊ एवं वाराणसी के अलावा प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा, बरेली, कानपुर शामिल हैं। अगले साल अलीगढ़, चित्रकूट, आजमगढ़, श्रावस्ती एवं मुरादाबाद के हवाई अड्डे भी परिचालित होने लगेंगे। इस प्रकार से उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक 17 हवाई अड्डों वाला राज्य बन जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेा में यह दूसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। इससे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दबाव को कम करने में मदद मिलेगी। भौगोलिक रूप से रणनीतिक स्थिति के कारण यह दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद सहित शहरी आबादी और पड़ोसी इलाकों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। इस हवाईअड्डे से कम से कम पांच एक्सप्रेसवे एवं राष्ट्रीय राजमार्ग -यमुना एक्सप्रेसवे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 91 जुड़ेंगे।
वेस्ट यूपी को मिलेगी नई पहचान- योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेवर में नोएडा अन्तरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के शिलान्यास के मौके पर संबोधित करते हुए कहा कि अन्तरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को नई पहचान मिली। उन्होंने विपक्ष पर तंज करते हुए कहा कि यहां के किसानों ने कभी गन्ने की मिठास बढ़ाने का काम किया था, लेकिन कुछ लोगों ने गन्ने की मिठास को कड़वाहट में बदल दिया था, ये वही लोग थे जो आज जिन्ना के अनुयायी बने हुए हैं, जिन्हें यहां की जनता सबक सिखाने को तैयार है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप सबने यूपी को बदलते हुए देखा है। सामान्य दिनों में ही नहीं, वैश्विक महामारी के समय कैसे एक-एक प्रदेशवासी को सुरक्षा कवच प्रदान किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब नई ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है। लोगों तक बिना भेदभाव के केंद्र की योजनाएं पहुंच रही हैं। यूपी की आस्था को नए पंख देकर सम्मान देने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि मैं उन 7000 किसानों का आभारी हूँ, जिन्होंने जेवर एयरपोर्ट के लिए जमीन लखनऊ आकर उपलब्ध कराई। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट केवल हवाई अड्डा नहीं है। इससे कई योजनाएं जुड़ी हुई है। गौतमबुद्धनगर में 1125 करोड़ से मेट्रो का काम शुरु किया गया है। 168 करोड़ की एलिवेटेड रोड, गंगा योजना, बस टर्मिनल, इंडोर स्टेडियम, ग्रेटर नोएडा में गंगा जल की आपूर्ति, आठ नए औद्योगिक सेक्टर की शुरुआत की गई है। यमुना अथॉरिटी में आने वाले समय में फ़िल्म सिटी का निर्माण, मेडिकल पार्क लाजिस्टिक पार्क समेत हैरिटेज सिटी जैसी योजनाएं शुरू होने जा रही हैं।