Dainik Athah

राग दरबारी

… किसने पार्टी के साथ वफादारी निभाई जो उनके लिए लड़ा जाये

बात नल वाली पार्टी की करें तो इस समय नल वाली पार्टी की बातचीत गठबंधन के लिए साइकिल वाली पार्टी से चल रही है। नल वाली पार्टी के एक बड़े नेता से बात हुई तो जिले की सीटों के लिए बात चली। उधर से जवाब आया किसने ऐसी वफादारी की जिसकी सीट के लिए चौधरी साहब लडेंÞ। इस दौरान जिला पंचायत से लेकर प्रमुखी तक की चर्चाएं छिड़ गई। इस स्थिति को देखकर लगता है कि जिले में सपा से जो सीट मिलेगी उसको स्वीकार कर लिया जायेगा। लड़ा जायेगा तो मुजफ्फरनगर, बागपत, मथुरा की सीटों पर।

कुछ तो लोग कहेंगे…

कहते हैं राजनीति में कोई मित्र नहीं और कोई शत्रु नहीं। इसका ताजा उदाहरण लोनी के भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर का वह बयान है, जिसमें उन्होंने धौलाना के सपा विधायक असलम चौधरी को अनपढ़ बताते हुए कहा था कि उनकी बात का क्या बुरा मानना। लेकिन पता नहीं रात-रात में ऐसा क्या हो गया कि उन्हें सपा विधायक की बात इतनी बुरी लग गई कि अब नंदकिशोर गुर्जर उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराने में लग गए हैं। विधायक जी ने कप्तान साहब को पत्र लिखकर विपक्षी विधायक के खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने और देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है। अब यह बात समझ से परे है कि उन्होंने सपा विधायक की धमकी से डरकर यह पत्र लिखा है या फिर मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए।

… अपने शरीर के हिसाब से बढ़ा दिये थे रेट

जिले में पिछले दिनों एक अन्य जिले से आमद करने वाले भारी भरकम गांवों के विकास से जुड़े अफसर निलंबित हो गये। निलंबन से विभाग के साथ ही ठेकेदारों ने राहत की सांस ली है। सांस ली है इसका अर्थ सीधे सीधे समझ जाइये। ठेकेदार है तो कौन से रेट तो फीसद में तय होंगे। इस स्थिति से विभाग के अधिकारी भी परेशान थे। कोरोना के बाद से महंगाई इस कदर बढ़ी है कि हर चीज के दाम बढ़ गये हैं। नहीं बढ़े तो उनकी मेहनत के बदले मिलने वाला पैसा। हालांकि लगता है कि साहब को गाजियाबाद रास नहीं आया। एक बार साहब किसी महिला मित्र के साथ थे तो उनकी खबर पत्नी और बेटे ने ले ली थी। अब तैनाती गाजियाबाद में हुई तो किसी अन्य जिले के मामले में नप गये।

…दरबारी लाल

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