जब हार सुनिश्चित है तो बेचैनी और चिंता का कोई मतलब नहीं\
गैर भरोसेमंद लोगों के बूते बेवजह कल्पनालोक में घूम रहे हैं सपा प्रमुख
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसी विकास-परक और लोकप्रिय योजनाओं ने सपा की नींद उड़ा दी है
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। बेवजह बेचैन और परेशान हैं अखिलेश यादव। फिर सत्ता पाने का उनका ख्वाब अब कभी पूरा होने से रहा। उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी हार सुनिश्चित है। बेहतर हो कि वह अभी से हार का मंथन करने की तैयारी भी करते रहें।
यह बातें प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि रेत में दीवार नहीं खड़ी की जा सकती। अखिलेश बेवजह असंभव को संभव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इन दिनों वह सत्ता के कल्पनालोक में घूम रहे हैं और वह भी गैर भरोसेमंद लोगों के बूते। वैसे खुद चुनाव न लड़ने की घोषणा कर वह पहले ही युद्ध से पीठ दिखा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि पहले एक के बाद एक विकास योजनाओं ने अखिलेश की नींद उड़ा दी है। यही कारण है कि वह ऊलजलूल बयानबाजी करके लोगों का ध्यान बांटने का असफल प्रयास कर रहे हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की शुरूआत ने तो सपा की रही सही जान भी निकाल दी है।
सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के राजकुमार के साथ सपा प्रमुख जनता के बीच अपना हश्र देख चुके हैं। जनता 2012 से लेकर 2017 तक सपा शासन की अराजकता, भ्रष्टाचार, नौकरियों की बोली, भाई- भतीजावाद, आतंकवाद को प्रश्रय, तुष्टीकरण की नीतियों को अब तक नहीं भूली है। इन्हीं कारणों चलते उन्हें सत्ता की कुर्सी से धक्का देकर गिरा दिया था। करीब पांच साल विपक्ष में रहने के बाद भी सपा नफरत की राजनीति से नहीं उबर सकी है। आज भी जिन्ना जैसे देश और समाज को बांटने वालों की हिमायती बनी हुई है। जबकि जिस दिन से योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भाजपा की सरकार बनी है, तब से समाज में नफरत फैलाने वाले पनाह मांग रहे हैं। हमेशा ग्राउंड जीरो पर जनता के बीच रहने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ ही पूरे प्रदेश के लिए उपयोगी हैं और प्रदेश की जनता एक बार फिर उन्हें सूबे की कमान सौंपने का संकल्प ले चुकी है। ऐसे में चुनाव परिणम को लेकर बयानबीर बनने की बजाय अखिलेश यादव को उन कारणों की तह में जाने की जरूरत है, जिसके कारण उनकी आगामी हार भी सुनिश्चित है।