अथाह संवाददाता
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के कारवां की राह में रोड़े अटकाना, भाजपाई संकीर्ण सोच का प्रतीक है और भाजपाई हताशा का भी। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं, भाजपा के अंदर जनता के बढ़ते आक्रोश का डर फैलता जा रहा है। इसी का परिणाम है कि साढ़े चार साल तक कुछ न करने वाले मुख्यमंत्री धड़ाधड़ लोकार्पण और शिलान्यास के पत्थर काले कर रहे हैं और विकास के झूठे बहाने गढ़ने में लग गए हैं। भाजपा पांच वर्ष से सिर्फ माहौल ही बना रही है लेकिन प्रदेश की जनता सच्चाई जानती है, उस पर भाजपाई रंग और नाम बदलने की साजिशों का कोई असर नहीं होगा।
सपा प्रमुख ने कहा पराया माल हजम करने में भाजपा का कोई जवाब नहीं। अब तक एक भी अपना काम नहीं गिना पा रहे हैं। एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं किया। खुद कोई विकास कार्य करने के बजाय समाजवादी सरकार के जनकल्याणकारी अच्छे कामों को बर्बाद करने में ही भाजपा सरकार की सारी शक्ति लगी रही है। शायद भाजपा नेतृत्व की समझ है कि वे अपने झूठ-फरेब से फिर लोगों को बहकाने-भटकाने में सफल हो जाएंगे जबकि अब कोई उनके झांसे में नहीं आने वाला है। उन्होंने कहा भाजपा आखिर उन तस्वीरों को कैसे इतिहास के पन्नों से खारिज कर पाएगी जब समाजवादियों ने किया था, पूर्वांचल के आधुनिक भविष्य के मार्ग पर शिलान्यास।
दिसम्बर 2016 में विधान भवन के सामने से समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास हुआ था तभी तत्कालीन समाजवादी सरकार ने बजट की घोषणा भी की थी। जमीन खरीद के लिए पैसा जारी किया था। समाजवादी सरकार ने प्रदेश में पहला एक्सप्रेस-वे आगरा-लखनऊ मात्र 22 महीनों में बना दिया था जहां सेना के वायुयान उतरे थे। इस सम्बंध में पार्टी का मानना है कि डबल स्पीड से तीन गुना प्रगति होती है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का साढ़े चार साल में आधा-अधूरा बने होने पर भी उद्घाटन का दिखावा किया गया है। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में गुणवत्ता से घातक समझौते किए गए हैं। रोड कांग्रेस के मानकों की उपेक्षा की गई फलस्वरूप इस पर चलने वाले यात्रियों की सुरक्षा पर भी खतरा रहेगी।
नैतिकता का तकाजा था कि प्रधानमंत्री पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की गाथा सुनाते समय यह भी बता देते कि पूर्वांचल के विकास में मील का पत्थर साबित होने वाले निर्माण की आधारशिला किसने रखी थी। सपा के काम पर भाजपा का नाम लगाने से वे जनता की निगाह में सुर्खियां नहीं बन पाएंगे। विकास कार्यों का श्रेय देने के बजाय आलोचना करना भाजपा के लिए शुभ नहीं कहा जा सकता। सच तो यह है कि उत्तर प्रदेश व पूर्वांचल के विकास का नक्शा समाजवादी पार्टी ने खींचा था। कल भी उनका था और आने वाला कल भी समाजवादी पार्टी का ही होगा। यूपी के विकास के सपने को समाजवादी सरकार ने ही शुरू किया था।
उन्होंने कितने आश्चर्य की बात है कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में गरीबों, बेकारी, महंगाई, कानून व्यवस्था के साथ शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदहाली के बारे में कोई चर्चा नहीं की। हवाई इवेंट में जनता की कोई रुचि नहीं थी। भाजपा से आक्रोशित उत्तर प्रदेश की जनता ने भाजपा के लिए जमीनी रास्ते बंद कर दिए हैं, अब विकल्प हवाई मार्ग ही शेष है।