आतंकियों की पैरोकारी करने वाले को शोभा नहीं देतीं कानून-व्यवस्था की बातें
आगरा की घटना पर अखिलेश के ट्वीट पर सिद्धार्थनाथ का पलटवार
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। अखिलेश जी, जिनके घर शीशे के हों, वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते! जो पार्टी आतंकियों की पैरोकार और माफियाओं एवं अपराधियों की सरपरस्त रही हो, अराजकता जिसके शासनकाल की पहचान रही हो उसे कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने का कोई हक नहीं।
यह बातें उत्तरप्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने गुरुवार को आगरा प्रकरण को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट के जवाब में कही। उन्होंने कहा कि योगी सरकार को इस बाबत अखिलेश के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं। कल कुशीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ दिन पहले महराजगंज में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह योगी राज के कानून-व्यवस्था की तारीफ कर चुके है। अपराधियों और माफियाओं पर कड़ी करवाई के नाते योगीजी की जनता में एक पहचान बुलडोजर बाबा के रूप में भी हुई है। जनता बुलडोजर बाबा की जयकार कर रही है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अखिलेश को शायद याद नहीं पर जनता को ठीक से याद है कि उनकी सरकार ने खुल कर निदोर्षों का खून बहाने वाले आतंकवादियों की मदद की थी। 2013 में उनकी सरकार में सात जिलों में खूंखार आतंकियों पर दर्ज 14 मुकदमें वापस हुए थे। यही नहीं, मार्च 2006 को वाराणसी के संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए सीरियल ब्लास्ट में शामिल खूंखार आतंकियों की पैरवी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट की टिप्पणी थी कि क्या कल इन आरोपियों को सरकार पद्मभूषण से भी नवाजेगी? हाईकोर्ट ने कहा था कि यह कौन तय करेगा कि आतंकवादी कौन है। जब मामला न्यायालय में है तो अदालत को ही तय करने दीजिये। सरकार कैसे तय कर सकती है कि आतंकी कौन है।
सपा सरकार में ही डीजीपी सिविल डिफेंस के पद पर तैनात बृजलाल, पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह और 42 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। वजह सिर्फ इतनी थी कि उस वक्त एक आतंकी खालिद मुजाहिद को फैजाबाद कचहरी में ले जाते वक्त लू लग गई थी लिहाजा बाराबंकी आते आते वो मर गया था। यह है सपा का असली चरित्र। आपही जैसे लोगों के लिए कहा गया है कि जिनके घर शीशे के होते।
मालूम हो कि आज अखिलेश ने आगरा की घटना को लेकर ट्विटर पर लिखा है कि जहां अपने ऊपर लगे मुकदमे हटवा लेने वाली सरकार है। जहां आईपीएस फरार है। जहां किसानों की हत्याओं में लिप्त माननीयों का परिवार है। जनता पूछ रही है वहां कैसे कानून का राज है।