राजनीतिक प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण में भूमाफियाओं की संलिप्तता की रिपोर्ट डीएम को सौंपी
तोड़े गए मकानों के नुकसान की भरपाई भी भूमाफियाओं से कराने की सिफारिश
अथाह संवाददाता,
गाजियाबाद। शांतिनगर में राजनीतिक प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण में भूमाफियाओं की संलिप्तता की रिपोर्ट नगरायुक्त ने डीएम राकेश कुमार सिंह को भेज दी है। नगरायुक्त ने सरकारी जमीन पर प्लाटिंग करके लोगों को बसाने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की सिफारिश की है और इन लोगों को भू-माफिया घोषित करने की संस्तुति की है। जिन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की सिफारिश की गई है, उनमें एक पूर्व पार्षद ओम त्यागी भी शामिल है।
राजनीतिक प्रशिक्षण केन्द्र के निर्माण हेतु ग्राम सिहानी स्थित खसरा नं0- 31, 33 मि0, 36 एवं 37 नगर निगम के सरकारी भूमि है। इस भूमि पर शासन के आदेशानुसार राजनीतिक प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण किया जाना है। इस भूमि पर अवैध निर्माण होने से राजनीतिक प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण बाधित होने के कारण 10 अक्टूबर 2020 को अपर नगर आयुक्त के नेतृत्व में नगर मजिस्टेट व तहसीलदार (सदर) गाजियाबाद की उपस्थिति में आरएएफ व पुलिस-बल की सहायता से राजस्व विभाग एवं नगर निगम द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गयी।
अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के समय प्रभावित परिवारों द्वारा बताया गया कि वे अनपढ, गरीब एवं मजदूर परिवार से हैं। कुछ व्यक्ति/प्रापर्टी डीलर्स द्वारा नगर निगम के प्रबन्धाधीन सरकारी भूमि को अपना बताकर उन्हें गुमराह करके अवैध रूप से कब्जा करा दिया। नगर आयुक्त द्वारा जिलाधिकारी महोदय की सहमति दिनांक 13.10.2020 के क्रम में अपर नगर आयुक्त की अध्यक्षता में नगर मजिस्ट्रेट, तहसीलदार (सदर) एवं उपनिबन्धक, गाजियाबाद की समिति गठित की गयी। जांच समिति को प्रभावित 52 परिवारों द्वारा बयान अंकित कराये गये हैं, साथ ही पंजीकृत विक्रय पत्रों की छायाप्रतियां एवं खतौनी भी उपलब्ध करायी गयी है।
सरकारी भूमि पर 14 भवनों के अवैध रूप से निर्मित होने के कारण राजनीतिक प्रशिक्षण केन्द्र, गाजियाबाद के निर्माण कार्य बाधित होने के कारण प्रथम चरण में अवैध रूप से निर्मित उक्त भवनों को हटाने की कार्यवाही की गयी। अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही से प्रभावित 14 गरीब परिवारों द्वारा जिस 741 वर्गमीटर सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा था उसकी अनुमानित कीमत लगभग दो करोड़ बाईस लाख तीस हजार रूपये तथा उक्त भूमि पर भवन निर्माण की लागत लगभग एक करोड़ अठाईस लाख सत्तर हजार रूपये इस प्रकार कुल रूपये तीन करोड़ इक्यावन लाख रूपये की आर्थिक क्षति हुई है जिसकी क्षतिपूर्ति, नगर निगम की प्रबन्धाधीन सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कराने वाले व्यक्तियों व डीलर्स से ही कराया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है।
उल्लेखनीय है:
कि राजस्व ग्राम सिहानी में खसरा नं0. 36 की 0.9990 हे. बंजर एवं खसरा नं0 37 की 0.4430 हे. ऊसर राजस्व अभिलेखों में दर्ज है, जो नगर निगम की प्रबन्धाधीन सरकारी सम्पत्ति है। इस भूमि पर 101 व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से मकान बनाये गये हैं। उन्हें बेदखल करने हेतु उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा-67-1 के अन्तर्गत न्यायालय तहसीलदार गाजियाबाद में वाद योजित किया गया है। गठित जांच समिति द्वारा नगर निगम/सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कराने वाले डीलर्स पूर्व पार्षद ओम त्यागी, इन्दु त्यागी, सूरज पासवान, रजनीश चौधरी, बृजेश त्यागी, बबीता त्यागी, महेश शर्मा, अजीत सिंह एवं इन्द्रपाल मृतक की सम्पत्तियों से पीड़ित व्यक्तियों की नुकसान हुई। सम्पत्तियों की क्षतिपूर्ति कराते हुए इनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने तथा गिरोहबद्ध व संगठित रूप से धोखाधड़ी कर सरकारी सम्पत्तियों को क्षति पहुंचाने का कृत्य करने के कारण इन्हें भू-माफिया घोषित करने तथा गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में जांच कर प्रस्तुत की गयी आख्या के अनुसार नगर आयुक्त द्वारा जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित की गई।