भारी भरकम त्यागी पर है रालोद की निगाह, खूब महंगा होगा चुनाव
राष्ट्रीय लोकदल मोदीनगर विधानसभा चुनाव में एक दमदार प्रत्याशी उतारने पर विचार कर रही है। इस प्रत्याशी के मैदान में उतरने पर मोदीनगर का चुनाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे महंगा चुनाव होगा। छनकर आ रही खबरों के अनुसार रालोद मोदीनगर में त्यागी बिरादरी से किसी को मैदान में उतार सकती है। जिस त्यागी प्रत्याशी की चर्चा है यदि वह मैदान में आता है तो शायद मोदीनगर विधानसभा का चुनाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे महंगा चुनाव हो सकता है। इस संभावित प्रत्याशी के पास धन की कोई कमी नहीं है। कहा तो यह तक जा रहा है कि इन संभावित प्रत्याशी ने पार्टी के बड़े नेताओं से तालमेल बैठा लिया है। इसके साथ ही चौधरी साहब भी इसे मैदान में उतारने पर लाभ ही लाभ देख रहे हैं। हम यह नहीं बतायेंगे कि ये संभावित प्रत्याशी कई पांच सितारा होटलों के मालिक भी है। हालांकि स्थानीय नेताओं को इसकी भनक भी नहीं है। लेकिन एक अन्य त्यागी जो इसी क्षेत्र में रहते हैं वे भी अपने पुत्र को मैदान में उतारना चाहते हैं।
… समय समय की बात
समय समय की बात है। जिस कांग्रेस में कभी तूती बोलती थी। मैयत के बाद उसी कांग्रेस का कोई भी पदाधिकारी झांकने तक नहीं आया। अभी हाल ही में विजय नगर में कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार रहे एक नेता का निधन हो गया। पूरी सोशल मीडिया पर उनके निधन की खबरें छाई रही। ऐसा नहीं है कि विजय नगर में कांग्रेसी नहीं है, बल्कि जिला में महानगर कमेटी से जुड़े कई बड़े नेता विजय नगर में रहते हैं। लेकिन कई कॉलोनियों काटकर लोगों को आशियाना देने वाले दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने कांग्रेस का कोई नेता नहीं पहुंचा, जो उनकी मैयत में चर्चा का विषय रहा और इससे जिले में मृतप्राय कांग्रेस की फजीहत भी हुई।
कारोबारी भी तो है, जिसकी सत्ता उसके साथ…
उत्तर प्रदेश में आजकल नए नए राजनीतिक समीकरण बनाए जा रहे हैं यही नहीं कुछ राजनीतिक दल प्रदेश के बाहर से भी उत्तर प्रदेश में राजनीति करने पहुंच रहे हैं। किंतु लोग भी इतने नादान नहीं है कि उनकी मंशा को ना समझ सके, क्योंकि आज के समय में समझदारी का पता इस बात से लगाया जा सकता है, सत्ता भले ही व्यक्ति के अनुरूप ना हो पर लोग सत्ता के आते ही सत्ता में ढल जाते हैं। देश की सबसे पुरानी पार्टी के जिला कार्यालय पर कुछ लोग बात कर रहे थे कि तुम तो पार्टी में बहुत कर्मठ हो.. लेकिन तुम्हारा भाई तो देश की सबसे बड़ी पार्टी में पदाधिकारी कैसे हैं? इतना सुनते ही नेता जी बोले नेता के साथ कारोबारी भी तो है और व्यापार की मांग है जिसकी सत्ता उसके साथ… कारोबार है क्या करें जिस की सरकार है तो उसका तो दामन थामना ही पड़ेगा । कमाल की बात यह है कि सबसे पुरानी पार्टी और सबसे बड़ी पार्टी में दोनों भाई अल्पसंख्यक विभाग में ही पदाधिकारी है।