Dainik Athah

बड़े दांव की तैयारी: शिवपाल यादव के घर पहुंचे औवेसी- चंद्रशेखर

चाचा बनने लगे भाजपा विरोधी दलों की पसंद
– चाचा शिवपाल ने दिया है भतीजे अखिलेश को दस अक्टूबर तक का समय गठबंधन पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए

अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दिन जैसे जैसे नजदीक आते जा रहे हैं वैसे वैसे ही नये गठबंधनों की भूमिका तैयार होने लगी है। भतीजे अखिलेश यादव के रवैये से आहत चाचा शिवपाल सिंह यादव भी अब ताल ठोकने की तैयारी में है। हालांकि उन्होंने भतीजे को दस अक्टूबर तक का समय दिया है। इसी बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन औवेसी एवं आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण के साथ ही अन्य नेताओं की शिवपाल सिंह यादव से उनके घर पर मुलाकात को लेकर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ने लगा है।


बता दें कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव लगातार सपा से गठजोड़ की बात कर रहे हैं। लेकिन सपा मुखिया अखिलेश यादव उन्हें तव्वजो नहीं दे रहे हैं। इसी कारण शिवपाल ने साफ कर दिया है कि दस अक्टूबर तक कोई जवाब नहीं मिलता है तो वे सभी 403 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे। चाचा- भतीजे की तल्खी के बीच बुधवार को एक घटना ने राजधानी का सियासी पारा गर्म कर दिया। औवेसी के साथ ही चंद्रशेखर रावण एवं सुलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर शिवपाल सिंह यादव के आवास पर पहुंचे। चारों नेताओं के बीच करीब एक घंटे से अधिक देर तक बातचीत चली।

शिवपाल यादव दो अक्टूबर से फिरोजाबाद से पैदल यात्रा एवं 12 अक्टूबर को सामाजिक परिवर्तन यात्रा निकालने की तैयारियों में जुटे हैं। इसके बीच ही चारों नेताओं की मुलाकात ने राजधानी में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया। शिवपाल सिंह यादव को संगठन खड़ा करने में महारथ हासिल है। इसके साथ ही चुनाव में धन एकत्र करने में भी उनका कोई जवाब नहीं है। जिस प्रकार चारों नेताओं की बंद कमरे में मुलाकात हुई उसे देखते हुए भावी गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि यह गठबंधन सपा प्रमुख अखिलेश यादव के रवैये पर निर्भर कर रहा है। यदि उन्होंने चाचा को महत्व दिया एवं उनकी प्रसपा के साथ गठबंधन कर लिया तो बनने से पहले ही गठबंधन बिखर सकता है।

सूत्रों के अनुसार शिवपाल सिंह यादव ने भी औवेसी, चंद्रशेखर एवं राजभर को दो सप्ताह का इंतजार करने को कहा है। वे अपने दिये समय से पीछे नहीं हटना चाहते। सूत्रों के अनुसार यदि पहले ही वे गठबंधन बना लेते हैं तो सपा प्रमुख को यह कहने का अवसर मिल जायेगा कि समय देने के बाद भी इंतजार नहीं किया गया।

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