प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नये नये प्रयोग करने में माहिर माने जाते हैं। जिसके संबंध में कोई कोई सपने में भी नहीं सोच सकता उस काम को मोदी बड़ी आसानी से कर लेते हैं। लाख चाहने के बाद भी किसी की हिम्मत नहीं कि उनके निर्णय का विरोध करें। जिस समय उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाने का निर्णय लिया गया था उस समय स्वयं योगी बाबा को भी इसकी भनक नहीं थी। केशव प्रसाद मौर्या समेत अनेक नाम हवा में तैर रहे थे। लेकिन एकाएक बाबा अवतरित हो गये । ठीक इसी प्रकार हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर, उत्तराखंड में पहले तीरथ इसके बाद धामी मोदी के पिटारे से निकले नामों के उदाहरण मात्र है।
इसी प्रकार के प्रयोग उन्होंने राज्यपाल राष्ट्रपति के रूप में भी किये । अब गुजरात का नया प्रयोग तो सपनों से भी दूर का मामला हो गया। वो कहते हैं कि पूरे घर के बदल डालूंगा। ठीक ऐसा ही गुजरात में हुआ। वह भी विधानसभा चुनाव से पहले यहां पर पहली बार चुने गये विधायक को मुख्यमंत्री पद देने के साथ ही पूरा मंत्रिमंडल ही नया बना डाला। सभी पुराने मंत्रियों को घर बैठा दिया गया। गुजरात के इस प्रयोग ने उत्तर प्रदेश के विधायकों की चिंता बढ़ा दी है। पहले से ही कहा जा रहा है कि 50 फीसद विधायकों के टिकट कटेंगे। लेकिन जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में पूरी सरकार नयी बना दी उसे देखते हुए अब 50 फीसद ही नहीं 99 फीसद विधायक चिंतित है। उनकी चिंता इसलिए कि पता नहीं यूपी में किस किस पर गाज गिरेगी। अब यह तो वक्त ही बतायेगा कि कौन भूत बनेगा और कौन वर्तमान । लेकिन गुजरात दोहराने की चिंता में अधिकांश विधायक दुबले हुए जा रहे हैं ।