Dainik Athah

कल जिंदा समाधि लेने पर अड़े किसान

– 15 गड्ढ़े खोदकर किसानों ने किए तैयार, बाकी पर काम जारी
– किसानों और प्रशासन के बीच हुई समझौता वार्ता विफल


अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। आवास विकास परिषद की मंडोला विहार आवासीय योजना के आंदोलन पर बैठे किसानों ने बुधवार को सैकड़ों किसानों के साथ जिंदा समाधि लेने का ऐलान किया है। मंगलवार को जिला प्रशासन व किसानों के बीच हुई वार्ता विफल होने के बाद किसान नेता मनवीर तेवतिया ने यह ऐलान किया है। किसान नेताओं के कड़े तेवरों के चलते प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। इससे पहले भी किसानों और जिला प्रशासन के बीच हुई वार्ता विफल हो चुकी है और किसान 15 सितंबर को जिंदा समाधि का ऐलान कर चुके हैं।
मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसानों के धरने पर उपजिलाधिकारी लोनी सुभांगी शुक्ला, क्षेत्राधिकारी अतुल सोनकर,आवास विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता दोपहर करीब 2 बजे पहुंचे। शासन-प्रशासन को दिए गए समय का मंगलवार को आखिरी दिन होने के कारण प्रशासनिक अधिकारी किसानों को समझाने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे। धरनारत किसानों द्वारा घोषणा की गई थी कि 14 सितंबर तक तीनो कृषि कानून पर सरकार कोई सार्वभौमिक समाधान निकाले व मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसानों को भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के समस्त लाभ के साथ मुआवजा दिया जाए। नहीं तो पीड़ित किसान जिंदा समाधि ले लेंगे।
मंगलवार को किसान नेता मनवीर तेवतिया, नीरज त्यागी, रामेश्वर दयाल, महेंद्र सिंह त्यागी, टेकचंद, अमित त्यागी के साथ एसडीएम शुभांगी शुक्ला, पुलिस क्षेत्राधिकारी अतुल सोनकर के साथ बैठक हुई। लेकिन वार्ता किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। आमरण अनशन के साथ ही समाधि में बैठने के निर्णय को स्थगित करने का दबाव प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बनाया गया। लेकिन किसान अपने निर्णय से पीछे हटने को तैयार नहीं हुए।

किसान नेता मनवीर तेवतिया ने उपजिला अधिकारी से कहा कि किसी भी वार्ता के लिए आज का ही समय प्रशासनिक अधिकारियों के पास है, समाधान करा सकते हैं तो करा दें। इस पर उपजिला अधिकारी ने आनन फानन में एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास के साथ किसान प्रतिनिधियों की वार्ता मोहननगर में पुलिस चौकी पर कराई। वार्ता में कोई संतोषजनक समाधान नहीं हुआ। किसान नेता मनवीर तेवतिया ने कहा कि पीड़ित किसान अपने निर्णय पर अटल हैं और बुधवार को सैकड़ों किसान जिंदा समाधि लेंगे। इसके लिए किसानों ने 15 गड़ढ़े खोद कर तैयार कर लिए है। दूसरी ओर प्रशासन अब बलपूर्वक किसानों को रोकने की तैयारी में है।

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