– उत्तर प्रदेश शासन ने वाणिज्य लाइसेंस के संबंध में जारी किया शासनादेश
– होटल, अस्पताल, नर्सिंग होम, बीयर-बार, मीट शॉप को भी लेना होगा लाइसेंस
– छोटे-बड़े व्यवसायिक वाहनों को भी नगर निगम से लाइसेंस लेना जरूरी
– लाइसेंस न लेने की स्थिति में नगर निगम को जुर्माना करने का अधिकार
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। नगर निगम सीमा में आने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठानों व वाहनों के ट्रेड लाइसेंस नगर निगम से प्राप्त किया जाना अनिवार्य है तथा बाइलॉज लाइसेंस के उपरांत ही शहर में व्यापारियों को गाजियाबाद नगर निगम की तरफ से व्यापार हेतु अनुमति दी जाएगी। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा वाणिज्य लाइसेंस के संबंध में शासनादेश जारी किया गया है। जिसके तहत प्रतिष्ठानों व वाहनों के लिए बायलॉज लाइसेंस अनिवार्य किया गया है।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉक्टर संजीव सिन्हा ने बताया कि होटल, गेस्ट हाउस, बरात घर हेतु निर्धारित दर 1000 रुपए, 3 सितारा होटल हेतु 9000, पांच सितारा होटल 12000, 20 बेड नर्सिंग होम हेतु 2000, 20 बेड से ऊपर नर्सिंग होम हेतु 5000, प्रसूति गृह हेतु 4000, प्राइवेट क्लीनिक हेतु 5000, पैथोलॉजी सेंटर हेतु 1000, एक्स रे क्लिनिक हेतु 2000, डेंटल क्लीनिक हेतु 4000, प्राइवेट क्लीनिक हेतु 3000, फाइनेंस कंपनी चीट फंड हेतु 6000, इंश्योरेंस कंपनी हेतु 12000, पशु वध शाला हेतु 25 प्रति पशु, हड्डी खाल गोदाम हेतु 1000, बार व बीयर हेतु 6000, आइस फैक्ट्री हेतु 1000, बिल्डर हेतु 5000, देसी शराब हेतु 6000, विदेशी शराब हेतु 12000, भैंस का मांस दुकान हेतु 3000, बकरा मांस की दुकान हेतु 600, पशु पालन हेतु 10, कांजी हाउस में बंद जानवरों पर जुर्माना लाइसेंस हेतु 350, प्रतिदिन खुराकी छोटे जानवर हेतु 10, प्रतिदिन खुराकी बड़े जानवर हेतु 25 रुपए दर निर्धारित है। इसी प्रकार वाहनों में भी लाइसेंस शुल्क के विषय में अवगत कराया गया है कि ऑटो रिक्शा 2 सीटर रुपए 360, ऑटो रिक्शा 7 सीटर 720, ऑटो रिक्शा 4 सीटर 500, मिनी बस 1500 रुपए, बस 2500 रुपए, तांगा 50, रिक्शा किराए पर 150, रिक्शा निजी चालित 75, ठेला ठेली हेतु 100, हाथ ठेला हेतु 25, बैलगाड़ी भैंसा गाड़ी हेतु 25, ट्रॉली हेतु 150 हेतु दरें निर्धारित की गई है। जिसको जमा कराकर वाणिज्यिक लाइसेंस बनवाए जाने हैं।
महापौर आशा शर्मा द्वारा शहर वासियों से अपील की गई है कि अपने प्रतिष्ठान के संबंध में जोनल कार्यालय से संपर्क कर निर्धारित शुल्क जमा कराकर लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। ताकि भविष्य में किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े। साथ ही चालकों व यूनियन के अध्यक्षों आदि भी वाणिज्यिक शुल्क जमा करके लाइसेंस लेना सुनिश्चित करें। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि पूर्व में दिए गए ठेके के ठेकेदारों के द्वारा पार्किंग शुल्क के नाम पर एक ही वाहन से कई-कई बार शुल्क की वसूली की जाती थी, जिससे वाहन चालकों स्वामियों को लाइसेंस शुल्क का कई बार भुगतान करना पड़ता था। वर्तमान में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि लाइसेंस शुल्क वार्षिक है। शासनादेश बायोलॉज में दी गई व्यवस्था के अनुसार विलंब शुल्क भी वसूल किया जाना तथा बकाया धनराशि पर जुर्माना निर्धारित किया जाना भी प्रावधान में हैl गाजियाबाद नगर निगम द्वारा समस्त स्कूल कॉलेजों की प्रबंधक से अपने-अपने स्कूल में संचालित की गई बसों का भी निर्धारित शुल्क जमा कराकर प्रत्येक वाहन का लाइसेंस प्राप्त करें।