सामान्य लोगों से कहीं भी पीछे नहीं हैं दिव्यांगजन, वोट उनका लोकतंत्र अधिकार: ऋतु सुहास
एडीएम प्रशासन ने दिव्यांगजन को वोटिंग के लिए किया जागरूक
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। जिला प्रशासन द्वारा दिव्यांगजन मतदान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन संजयनगर स्थित भागीरथ पब्लिक स्कूल कैंपस में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य सामान्य लोगों के साथ विशेष तौर पर दिव्यांगजन को मतदान करने तथा मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए जागरूक करना था। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु सुहास ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत की। भागीरथ पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल दीप्ति रावत ने मुख्य अतिथि ऋतु सुहास को पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर कैमकुस कॉलेज ऑफ लॉ की डीन डॉ सीमा सिंह ने लोकतंत्र में मतदान के महत्व पर प्रकाश डाला। भारत सरकार द्वारा गठित लोकल लेवल कमेटी के सदस्य एवं भागीरथ सेवा संस्थान के निदेशक अमिताभ शुक्ल ने शासन और प्रशासन स्तर पर दिव्यांगजन की मतदान में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए किये जा रहे प्रयास और उसमें संस्थान के सहयोग पर रोशनी डाली। इस अवसर पर मौजूद स्पेशल स्कूल अद्वैत पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल डॉ नीलम गोयल ने सरकार के इस कदम की सराहना की। उन्होंने सुझाव दिया कि मतदान स्थल के अंदर दिव्यांगजन के लिए विशेष रूप से रैंप और व्हीलचेयर का प्रबंध किया जाए ताकि मतदान स्थल पर पहुंचने के बाद दिव्यांगजन आसानी से अपने बूथ तक पहुंच सके और अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। उड़ान स्पेशल डे केयर की कॉर्डिनेटर दिनेश सिंह ने दिव्यांगजन द्वारा भरे गए 30 फॉर्म एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास के सुपुर्द किए। इसके अलावा भागीरथ पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल ने सामान्य 55 फॉर्म अपर जिलाधिकारी प्रशासन को सौंपा। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु सुहास ने दिव्यांगजन को बढ़-चढ़कर वोटिंग प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि दिव्यांग जनों के 50 वोट भी लोकतंत्र के लिए उतने ही जरूरी है जितने की सामान्य लोगों के लाखों वोट। इसलिए दिव्यांगजन वोटिंग करने के लिए आगे आएं और जिन लोगों के पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है, वह अपने वोटर आईडी कार्ड बनवाएं। इस कार्य में जिला प्रशासन उनके लिए विशेष व्यवस्था करेगा। उन्होंने दिव्यांगजन का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि विशेष व्यक्ति वह सब कुछ कर सकता है जो आम व्यक्ति कर सकता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ओलंपिक में जितने मेडल भारत को मिले उससे ज्यादा मेडल पैरा ओलंपिक में देश को मिले हैं। जो यह साबित करता है कि दिव्यांगजन आम लोगों से कहीं भी पीछे नहीं है। कार्यक्रम के अंत में भागीरथ सेवा संस्थान के निदेशक अमिताभ शुक्ल ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन को प्रतीक-चिन्ह देकर सम्मानित किया।