मंथन: मुंबई में ड्रग्स को लेकर फिल्म इंडस्ट्री एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) के निशाने पर है। आये दिन कोई न कोई अभिनेता, अभिनेत्री एवं निर्देशक के नाम सामने आ रहे हैं।
इसके साथ ही लगातार गिरफ्तारियां भी हो रही है। मुंबई में तो सुशांत सिंह राजपूत के बाद कार्रवाई हो रही है। लेकिन देखा जाये तो दिल्ली एनसीआर का प्रमुख शहर गाजियाबाद भी नशे की गिरफ्त में है।
जिले का शायद ही कोई ऐसा इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन कालेज हो जिसके बाहर छोटे छोटे खोखों पर नशे का सामान न मिलता हो। इन छोटी छोटी दुकानों पर हर समय युवाओं एवं छात्र-छात्राओं की भीड़ लगी रहती है।
ऐसा नहीं है कि पुलिस अथवा खुफिया विभाग को इसकी जानकारी न हो। लेकिन युवाओं को नशे से बचाने के लिए शासन, प्रशासन एवं स्थानीय पुलिस के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इन दुकानों पर सिगरेट के माध्यम से नशे की बिक्री सबसे बड़े पैमाने पर है।
लगता है कि पुलिस- प्रशासन को यह इंतजार है कि गाजियाबाद कब तक पंजाब के बराबर पहुंचे तब जाकर कार्रवाई की जाये। पंजाब जैसी स्थिति ही जम्मू कश्मीर की भी है।
राजस्थान एवं हरियाणा का युवा वर्ग भी पूरी तरह से नशे के आगोश में है। लेकिन इन राज्यों में भी कोई कार्रवाई नहीं होती। जबकि स्थानीय पुलिस को पता होता है कि कहां पर नशे की खाप होती है तथा कहां खपाई जाती है।
यदि पुलिस व प्रशासन अब भी नहीं चेता तो जब तक कार्रवाई होगी तब तक बहुत देर हो चुकी होगी एवं पता नहीं कितने ही परिवार बर्बाद हो चुके होंगे। अब आवश्यकता इस बात की है कि पुलिस एवं संबंधित इस मामले में योजना बनाकर गाजियाबाद जिले में भी कार्रवाई करें।