उत्तर प्रदेश सरकार स्वतंत्रता दिवस के बाद ओलंपिक के पदक वीरों का सम्मान करेगी। सम्मान के लिए भारोत्तोलन में रजत पदक विजेता मीरा बाई चानू का नाम भी शामिल है। लेकिन इस पदक के असली हकदार चानू के मुख्य कोच विजय शर्मा जो ओलंपिक में भी चानू के साथ थे उनका नाम नजर नहीं आ रहा है। विजय शर्मा गाजियाबाद जिले के मोदीनगर के मूल निवासी है। हालांकि उनका परिवार जम्मू कश्मीर से आकर यहां बस गया था। विजय शर्मा का नाम सम्मानित होने वालों की सूची में न होने से उत्तर प्रदेश एवं खासकर गाजियाबाद जिले के भारोत्तोलकों के साथ जिले के लोगों में नाराजगी भी उजागर हो रही है।
विजय शर्मा खुद कहते हैं कि उन्हें सम्मान समारोह की जानकारी नहीं है। यदि मीरा बाई चानू ने ओलंपिक में भारत की झोली में पहला पदक रजत के रूप में डाला तो इसमें कहीं न कहीं योगदान कोच विजय शर्मा का भी है। विजय शर्मा लंबे समय से रेलवे में नौकरी कर रहे हैं। भारत लौटने के अगले ही दिन उनका मोदीनगर में भव्य सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया था। यदि उनका सम्मान है तो निश्चित ही प्रदेश एवं खासकर गाजियाबाद जिले के युवाओं का हौंसला भी बढ़ेगा। इस मामले में जिले के जन प्रतिनिधियों को भी आगे बढ़कर प्रदेश सरकार तक विजय शर्मा का नाम पहुंचाना चाहिये। इसके साथ ही प्रशासन का भी यह दायित्व बनता है कि वह प्रदेश के खेल विभाग एवं आला अफसरों तक यह बात पहुंचाये तथा गाजियाबाद जिले के इस होनहोर कोच को सम्मान दिलाने की पहल करें।