– हाईकोर्ट अधिवक्ता के प्रशांत सिंह ने नोटिस में कहा, आप नेता का बयान जलशक्ति मंत्री की प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाला
– नोटिस में झूठे आरोपों को सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर प्रचारित करने पर भी आप नेता से मांगा गया जवाब
– अधिवक्ता ने कहा 15 दिनों में माफी नहीं मांगी तो आपराधिक मानहानि दावे के लिये संजय सिंह रहें तैयार
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह पर आरोपों को लेकर उनके अधिवक्ता प्रशांत सिंह अटल ने आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह को मानहानि का नोटिस भेजा है। अधिवक्ता ने आप नेता की ओर से लगाए आरोपों को निराधार और झूठा बताया है। उन्होंने कहा है कि इस तरह के आरोपों से जल शक्ति मंत्री की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। झूठे आरोपों पर सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर प्रचारित करने का गलत कृत्य किया है जो बिलकुल बर्दाशत करने योग्य नहीं है।
हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत सिंह अटल ने इसपर आप नेता संजय सिंह को मानहानि को नोटिस दिया है। उनसे 15 दिनों में माफी मांगने को कहा गया है। अधिवक्ता ने 15 दिनों में जवाब नहीं देने पर आप नेता पर आपराधिक मानहानि का दावा करने को कहा है। गौरतलब है कि आप सांसद संजय सिंह की ओर से जल जीवन मिशन के काम में 30 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गये थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह को इसमें शामिल बताया था। अधिवक्ता ने आप नेता के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि आप नेता की ओर से लगाए आरोप पूर्णत: मिथ्या है। विभाग द्वारा किसी फर्म को पाइप आपूर्ति के आदेश नहीं दिये गये हैं। यह कार्य ईपीसी मोड पर होने के कारण गुणवत्ता परक तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी टेन्डर की पूर्ण सूचना विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिसमें शुरू से ही पूर्ण पारदर्शिता रखी गई है।
अधिवक्ता ने यह भी कहा है कि जल जीवन मिशन के कार्य ईपीसी (इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेन्ट एण्ड कन्स्ट्रक्शन) मोड पर कराए जा रहे हैं। कार्यों को कराने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले वेन्डर्स और शीर्ष कंपानियों का चयन किया गया है। इन वेन्डर्स के माध्यम से प्रदेश में सोलर बेस्ड पाइप वाटर स्कीम का निर्माण कराया जा रहा है। फर्मस को अगले 10 वर्ष तक इन प्रोजेक्ट का रख-रखाव व संचालन करने भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ में साम्रगी की गुणवत्ता की जाँच टीपीआई द्वारा करायी जा रही है। ऐसे में प्रदेश में संचालित जनता के लिये लाभकारी योजनाओं का कुप्रचार करना पूर्णता गलत है।