जल्द जमीन पर उतरेगा बुलेट प्रूफ प्लान
संघ के साथ ही हर स्तर पर पूरी हो चुकी है मंत्रणा
अशोक ओझा
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। तैयारी भी फूल प्रुफ हो रही है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा को जिस प्रकार पटखनी लगी है उससे चिंतित भाजपा नेतृत्व प्रदेश में बड़े बदलाव की तैयारी में जुटा है। भाजपा नेतृत्व ‘हवन करो- हाथ भी न जले’ कि तर्ज पर बुलेट प्रूफ प्लान तैयार कर रहा है। सूत्रों पर भरोसा करें तो प्लान भी तैयार है। इंतजार है तो बस सही समय का।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा नहीं चाहती कि पश्चिमी बंगाल की तर्ज पर उसे देश के इस सबसे बड़े सूबे में भी शिकस्त का सामना करना पड़े। इसका पहला कारण तो यह है कि देशभर में चल रहे किसान आंदोलन की आंच भाजपा को कुछ न कुछ झुलसायेगी इसमें कोई शक नहीं है। दूसरा पिछले माह हुए पंचायत चुनावों ने भी भाजपा को आगामी विधानसभा चुनावों के प्रति आशंकित कर दिया है। इन चुनावों के परिणाम भाजपा के मन मुताबिक नहीं रहे। इसके चलते उसकी चिंता बढ़ी है।
तीसरा सबसे बड़ा कारण प्रदेश सरकार पर हावी ब्यूरोक्रेट्स एवं कार्यकर्ताओं के साथ ही जन प्रतिनिधियों में हताशा उत्पन्न होना भी है। अभी तक यहीं कहा जा रहा था कि अफसरशाही के सामने भाजपा के कार्यकर्ताओं की तो बात ही दूर है, मंत्रियों एवं विधायकों तक की सुनवाई नहीं होती। बंद कमरों में बैठकर प्रदेश सरकार के मंत्री, विधायक एवं बड़े पदाधिकारी भी कहते हैं कि लखनऊ की छोड़ो जिला एवं तहसील तथा थाना स्तर के अधिकारी भी पार्टी कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं करते। इस संदेश ने पार्टी को खासा परेशान किया है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्र के अनुसार इस संदेश के जनता में जाने का सीधा अर्थ होगा आगामी चुनावों में भाजपा को बड़ा नुकसान।
भाजपा सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संघ की सहमति से अरविंद कुमार शर्मा को आईएएस की नौकरी से इस्तीफा दिलवा कर उत्तर प्रदेश भेजा था। उन्हें विधान परिषद भी भेज दिया। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को केंद्रीय नेतृत्व शर्मा को मंत्री मंडल में शामिल करने को राजी नहीं कर पाया। हालांकि अब शुरू हुई कसरत के बाद गाड़ी पटरी पर आती नजर आ रही है।
भाजपा के सूत्रों पर भरोसा करें तो पूरी रणनीति तैयार हो गई है कि सरकार में क्या बदलाव होने है, संगठन में किस प्रकार उठा पटक होनी है। सभी को इसको लेकर तैयार भी कर लिया गया है। बस सही समय का इंतजार है। यह सही समय इसी सप्ताह में किसी दिन होगा। बताया जाता है कि अरविंद शर्मा को ब्यूरोक्रेसी पर लगाम लगाने का काम मुख्य रूप से सौंपा जाना है। वे इसी काम को गुजरात से लेकर दिल्ली तक करते आये हैं। सबसे बड़ी बात वे मोदी व शाह के करीबी है। सत्ता के गलियारों में यानि सचिवालय से लेकर भाजपा के प्रदेश कार्यालय तक इसी को लेकर चर्चा गरम है। चर्चाएं विपक्षी दलों में भी हो रही है। लेकिन सभी को इन बड़े बदलावों का इंतजार है।