मामला उजागर होने पर आवंटियों को भेजा नोटिस गाजियाबाद । भ्रष्टाचार के मामले में बदनामी का दंश झेल रहे डूडा विभाग का एक और कारनामा सामने आया है। गरीबों को निशुल्क मिलने वाले ईडब्ल्यूएस भवनों को उन अपात्र लोगों को मुफ्त में दे दिए जो लाखों करोड़ो के मालिक है। हालांकि मामला उजागर होने पर डूडा के परियोजना अधिकारी ने दोनों आवंटियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
बता दें कि पूर्व की बसपा व सपा सरकार ने निर्धन असहाय लोगों को एक छत मुहैया कराने के लिए प्रताप विहार व गोविंदपुरम में मधुबन बापूधाम में कांशीराम आवासीय योजना के तहत निशुल्क भवन आवंटित करने की स्कीम लागू की थी। जिसकी जिम्मेदारी डूडा विभाग को सौंपी गई। भवन आवंटन में पहले भी धांधली के आरोप लगे, समय-समय पर जांच प्रक्रिया चली। जांच के बाद कई भवनों का आवंटन निरस्त भी हुआ। अब एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है। डूडा ने गोविंदपुरम के मधुबन बापूधाम में विजेंद्र देवी पत्नी गजेंद्र सिंह के नाम एफ के 1/35, 2 सी फ्लैट आवंटित किया। बाद में पता चला कि डूडा ने जिस बिजेन्द्री देवी को मुफ्त में फ्लैट आवंटित किया वह करोड़ों की मालकिन है। बिजेन्द्री ने जीटी रोड स्थित चिकम्बरपुर के खसरा नंबर 51 की करीब 400 वर्ग मीटर भूमि में से 115.38 वर्ग मीटर की रजिस्ट्री 27 जून 2016 में जाकिर हुसैन पुत्र सलीम मोहम्मद,सलामुद्दीन जौलावत पुत्र रहीस बख्श के नाम की थी। इसके अलावा 5 अक्टूबर 2015 को विजेंद्र देवी पत्नी गजेंद्र सिंह ने 196 मीटर की रजिस्ट्री जुबेदा पत्नी सलीम के नाम की। जिसका अभिलेख सदर तहसील के राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। सवाल उठता है जब उपरोक्त फ्लैट की आवंटी महिला बिजेन्द्री देवी यूपी बॉर्डर स्थित राजस्व ग्राम चिकम्बरपुर के खसरा नंबर 51 में जीटी रोड पर स्थित करोड़ों की व्यवसायिक जमीन की मालकिन है ऐसे में कांशीराम आवासीय योजना में आखिर किस आधार पर मुफ्त में फ्लैट आवंटित किया गया। करोड़ों की मालकिन होने के बावजूद आखिर किस अधिकारी कर्मचारी ने बिजेन्द्री को पात्र साबित कर फ्लैट आवंटन का रास्ता साफ किया। इसके अलावा प्रताप विहार स्थित कांशीराम आवासीय योजना में कर्मचारियों की सांठगांठ से 9/1331 नंबर का फ्लैट पवन कुमार पांडे पुत्र जैनेंद्र पांडे निवासी रइसपुर नया शिव मंदिर के नाम आवंटित है। उसका कहीं पता नहीं और ना ही आज तक वह यहां रहा। अब जगबीर सिंह नामक व्यक्ति उक्त फ्लैट को अपना बताकर मेंटीनेंस करा रहा है जिसमें करीब तीन लाख खर्च हो रहा है। फ्लैट गरीबो के लिए थे न की लखपति लोगो के लिए, पता चला है कि जगबीर ने बराबर का फ्लैट 1330 जो विमला देवी के नाम आवंटित है उसे भी खरीद लिया है। जबकि नियमानुसार कांशीराम आवासीय योजना के भवनों को खरीदने बेचने का प्रावधान नहीं है। गरीबों को रहने के लिए दिए गए थे। दोनों मामलों की शिकायत डूडा से लेकर डीएम, यूपी के सीएम से की गई है और जांच कराकर दोनों भवनों का आवंटन निरस्त कर कार्रवाई की मांग की गई है। इस मामले में परियोजना अधिकारी पवन कुमार शर्मा का कहना है कि शिकायत के आधार पर दोनों आवंटियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। शिकायत सही पाए जाने पर जांच के उपरांत ही भवन निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। कूटरचित दस्तावेज के जरिए भवन लिए गए हैं तो आवंटियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।