भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के आगमन को लेकर हुआ विवाद, शहर विधायक गिरने से बचे
भाजपा में विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गर्म
भाजपा में स्वागत समारोह को लेकर इस प्रकार की घटना पर प्रदेश अध्यक्ष ने भी जताई नाराजगी

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के पहले स्वागत कार्यक्रम के दौरान कुछ ऐसा हुआ जो सोशल मीडिया पर सुर्खिया बटोरने लगा। अनुशासित पार्टी के रूप में पहचान रखने वाली भाजपा में जो कुछ हुआ उसका संदेश दूर तलक जा रहा है, हालांकि प्रदेश अध्यक्ष भी इस दौरान कुछ खफा से नजर आये।
बता दें कि रविवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पंकज चौधरी का पश्चिमी उत्तर का प्रदेश में पहला आगमन था। उन्हें मेरठ में भाजपा की क्षेत्रीय बैठक में शामिल होना था। उनके पहले आगमन पर गाजियाबाद से मेरठ तक स्वागत कार्यक्रम रखे गये थे। गाजियाबाद में उनके आगमन के दौरान भीड़ जुटने से यातायात व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गई थी। उनके स्वागत से पहले नेताओं ने जमकर गले साफ किये, लेकिन उनके स्वागत के दौरान किसी नेता को बोलने का अवसर नहीं था।
अब आते हैं मुख्य मुद्दे पर। स्वागत के बाद जैसे ही पंकज चौधरी ने बोलना शुरू किया वैसे ही गाजियाबाद शहर विधायक संजीव शर्मा बुके लेकर तेज कदमों से उनका स्वागत करने आये। उसी दौरान वे गिरने से बचे, लेकिन महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने हाथ से उन्हें थाम लिया, साथ ही कहा यह क्या कर रहे, उनकी बात संजीव शर्मा को नागवार गुजरी। उन्होंने कहने में देर नहीं लगाई, बोले मेरा नाम स्वागत में कैसे नहीं बोला। जिसका जवाब भी दिया गया, लेकिन वह सुनाई नहीं दिया।

तार में पैर फंसा या किसी ने जानबूझकर मारी कोहनी
भाजपा कार्यकर्ताओं में विवाद इस बात को लेकर भी है कि संजीव शर्मा का पैर तार में फंसा या किसी ने जानबूझ कर कोहनी मारी। यह भी सत्य है कि मयंक गोयल नहीं संभालते तो शायद विधायक गिर जाते।
… कहीं पुराने आपसी विवाद तो खुलकर नहीं आ रहे
चर्चा यह भी है कि एक पूर्व महानगर अध्यक्ष, वर्तमान महानगर अध्यक्ष एवं संजीव शर्मा के बीच संबंध ठीक नहीं है। आपस में टिप्पणी करने में कोई पीछे नहीं रहना चाहता। इससे जोड़कर भी लोग देख रहे हैं।

मैं मौके पर था उस समय संजीव शर्मा तेज कदमों से बुके लेकर प्रदेश अध्यक्ष को देने आये। शायद उसी समय उनका पैर तार में फंस गया जिससे वे गिरने से बचे। इसमें किसी की कोई भूमिका नहीं थी। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष जी कुछ नाराज नजर आये थे।
अजय शर्मा, पूर्व महानगर अध्यक्ष भाजपा गाजियाबाद

मेरा पैर तार में अटक गया था जिस कारण मैं गिरने से बचा। हालांकि मैने यह शब्द महानगर अध्यक्ष जी से कहे थे कि मेरा नाम क्यों नहीं बोला गया। मैं बुके देकर मंच पर पीछे चला गया था।
संजीव शर्मा, विधायक गाजियाबाद शहर

विधायक संजीव शर्मा से मेरा कोई विवाद नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष जी के आने से पूर्व उनका भाषण भी करवाया गया था। रही बात नाम न लेने की तो उनका तो भाषण भी करवाया गया था। मैंने सिर्फ यह कहा कि यह क्या कर रहे हो, हालांकि जब उनको मैंने बुके देने के लिए आगे किया तो प्रदेश अध्यक्ष जी नाराज हुए और बोले यह क्या करवा रहे हो। मैं सभी कार्यकर्ताओं को सम्मान देता हूं। संजीव शर्मा सम्मानित विधायक है उनके साथ मेरा कोई विवाद नहीं है।
