योगी सरकार की सौगात 300 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा अमेठी का स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय
अब महानगरों का सफर खत्म, अमेठी में ही मिलेगा गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज
31 जनवरी 2026 तक 300 बेड का अस्पताल व क्रिटिकल केयर ब्लॉक होंगे हैंडओवर
एमबीबीएस से लेकर डीएनबी तक, अमेठी मेडिकल कॉलेज बनेगा चिकित्सा शिक्षा का नया केंद्र
नए साल में नर्सिंग कॉलेज समेत चिकित्सा सुविधाओं का होगा व्यापक विस्तार
योगी सरकार की पहल से अमेठी बना उन्नत स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा का हब

अथाह संवाददाता
अमेठी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए लगातार बड़े कदम उठा रही है। अमेठी की तिलोई तहसील में स्थित स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा इस महाविद्यालय का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। वर्तमान में महाविद्यालय से संबद्ध 200 बेड वाले अस्पताल में सेवाएं संचालित हैं, जबकि 31 जनवरी 2026 तक 300 बेड का नया अस्पताल और 50 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक हैंडओवर किया जाएगा। इससे कुल बेड की संख्या 550 हो जाएगी, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। साथ ही नर्सिंग कॉलेज का निर्माण भी इसी तिथि तक पूरा होने की उम्मीद है। योगी सरकार की यह पहल अमेठी सहित आसपास के जिलों के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। क्षेत्रवासियों का लंबे समय से चला आ रहा मेडिकल कॉलेज का सपना अब साकार हो रहा है और 2026 तक यह संस्थान पूर्ण रूप से 500 प्लस बेड वाले आधुनिक चिकित्सा केंद्र के रूप में स्थापित हो जाएगा।
शैक्षणिक सुविधाओं का तेजी से विस्तार
राज्य स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। एमबीबीएस कोर्स में 100 सीटें स्वीकृत हैं। पैरामेडिकल क्षेत्र में 11 डिप्लोमा कोर्स चलाए जा रहे हैं, जिनमें कुल 230 सीटें हैं। इनमें एनेस्थीसिया एवं क्रिटिकल केयर टेक्नीशियन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, इमरजेंसी एवं ट्रॉमा केयर, लैब टेक्नीशियन, आॅपरेशन थियेटर टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन जैसे महत्वपूर्ण कोर्स शामिल हैं।
कई विभागों को मिल सकती है डीएनबी की सीटें
आगामी सत्र 2026-27 से बीएससी नर्सिंग कोर्स में 60 सीटें शुरू होने की तैयारी है। पोस्टग्रेजुएट स्तर पर डीएनबी कोर्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल रोग, एनेस्थीसिया में डिप्लोमा और मेडिसिन में डिग्री कोर्स स्वीकृत हैं। कुछ अन्य कोर्सों का निरीक्षण पूरा हो चुका है और परिणाम का इंतजार है।
जानिए, अस्पताल में क्या क्या मिल रहीं चिकित्सा सुविधाएं
महाविद्यालय से जुड़े अस्पताल में ओपीडी और इनडोर सेवाएं नियमित चल रही हैं। मेडिसिन, सर्जरी, गायनेकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, आॅथोर्पेडिक्स, ईएनटी, डमेर्टोलॉजी समेत कई विभागों में रोजाना 1000 से ज्यादा मरीजों का इलाज हो रहा हैं।आपातकालीन सेवाएं वर्तमान में 10 बेड पर चल रही हैं, जो नए अस्पताल के शुरू होने पर 30 बेड तक बढ़ जाएंगी। अस्पताल में 7 मेजर और 5 माइनर आॅपरेशन थियेटर, 20 बेड का आईसीयू और एनआईसीयू की सुविधा उपलब्ध है। 24़7 डायग्नोस्टिक सेवाएं जैसे सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी लैब, ब्लड स्टोरेज, फामेर्सी, ईकोकार्डियोग्राफी और ईसीजी भी मरीजों को मिल रही हैं।
नए वर्ष पर चिकित्सा सुविधाओं में होगा विस्तार
मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ रीना शर्मा ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुसार न सिर्फ योजनाओं को लागू किया जा रहा है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी वृद्धि की जा रही है। कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग कार्य करा रहा है। उम्मीद है कि हम नए वर्ष में नई किरणों के साथ चिकित्सकीय सुविधाओं में विस्तार करेंगे।
निर्माण पूरा अब फिनिशिंग का कार्य चल रहा
लोक निर्माण विभाग सीडी टू के अधिशासी अभियंता उमेश चंद्र ने बताया कि मेडिकल कालेज का भवन अब जी प्लस सिक्स हो गया है। अब सिर्फ फिनिशिंग का कार्य चल रहा है। इसके अलावा महाविद्यालय में डायरेक्टर रूम, नर्सिंग, हॉस्टल आदि का भी कार्य चल रहा है, जिसे सिडको करा रहा है। कुल मिलाकर लगभग 300 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है।
