दिसम्बर तक जमीन खरीद के साथ डीपीआर होगी तैयार
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। नई टाउनशिप हरनंदीपुरम योजना को परवान चढ़ाने के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) किसानों से जमीन खरीद रहा है। पहले चरण में पांच गांव की करीब 350 हेक्टेयर जमीन पर टाउनशिप बसाने की योजना है। राजनगर एक्सटेंशन के पास मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत हरनंदीपुरम नाम से नई टाउनशिप योजना बनेगी। जीडीए योजना की डीपीआर तैयार कराने के लिए जल्द सलाहकार भी नियुक्त करेगा। माना जा रहा है कि 5 महीने में यानि दिसंबर तक जमीन खरीदने के साथ डीपीआर भी तैयार हो जाएगी। पिछले दिनों हुई बोर्ड बैठक में सर्किल रेट से चार गुना ज्यादा दर पर जमीन खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद जीडीए ने किसानों से जमीन बैनामा कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
अभी तक प्राधिकरण ने दस किसानों की करीब 1.3955 हेक्टेयर भूमि का बैनामा अपने नाम करा लिया है। जीडीए अधिकारियों का कहना है कि अन्य किसानों से बात चल रही है। पांच महीने के भीतर सभी किसानों से बैनामा करा लिया जाएगा। साथ ही इसी दौरान योजना की डीपीआर भी तैयार कराई जाएगी। अधिकारी बताते हैं कि नई टाउनशिप हाईटेक बसाई जाएगी। टाउनशिप के लिए सलाहकार एजेंसी नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है। पिछले दिनों तीन एजेंसियों ने प्राधिकरण में आवेदन किया था। प्राधिकरण की टीम इनका मूल्यांकन कर एजेंसी तय करेंगी, जो एक महीने में होने की संभावना है।
जीडीए 336 हेक्टेयर जमीन खरीदेगा
हरनंदीपुरम योजना के लिए जीडीए पांच गांव की कुल 336.8444 हेक्टेयर जमीन खरीदेगा। ये जमीन वहां के सर्किल रेट से चार गुना ज्यादा दर पर खरीदी जाएगी, जिसमें नगला फिरोज मोहनपुर गांव की सबसे अधिक 192.6514 हेक्टेयर जमीन 7,200 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से खरीदी जाएगी। इसके अलावा मथुरापुर गांव की करीब 14 हेक्टेयर, शमशेर गांव की करीब 86 हेक्टेयर, चम्पतनगर गांव की करीब 33 हेक्टेयर, भनेड़ाखुर्द गांव की करीब नौ हेक्येटर जमीन खरीदनी है।
नई टाउनशिप हाईटेक होगी
ये टाउनशिप पूरी तरह हाईटेक होगी। ये टाउनशिप स्मार्ट, हरियाली युक्त और सुरक्षित बनाने की योजना है। पूरी टाउनशिप में रेन वाटर हार्वेसिटिंग सिस्टम की व्यवस्था होगी, जिसका एक कंट्रोल रूम होगा, जहां से ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम पर नजर रखी जाएगी। इसमें पानी व बिजली बचाने के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जाएगा। जल प्रबंधन सिस्टम को पूरी तरह से एआई बेस्ड होगा। डेटा एनालिसिस एआई के माध्यम से होगा, जिससे पानी बर्बाद नहीं होगा। यदि कहीं पर पाइप में लीकेज होगी तो वह भी एआई के माध्यम से पता चल जाएगी। अधिक से अधिक सौर ऊर्जा का प्रयोग होगा। घरों के रूटफॉप पर सोलर पैनल लगेंगे। स्ट्रीट लाइट सोलर पावर से चलेंगी। जीरो वाटर डिस्चार्ज का इस्तेमाल होगा। इससे अवशिष्ट पानी को शोधित करके बनाया जाएगा। सीसीटीवी कैमरे और महिलाओं के लिए पिंक टायलेट होंगे।
जमीन खरीदने पर 12 सौ करोड़ खर्च होंगे
जीडीए अधिकारी बताते हैं कि प्राधिकरण आगामी वित्तीय वर्ष में हरनंदीपुरम योजना के लिए जमीन खरीदने पर 1200 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इसमें 400 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत शासन ने प्राधिकरण को भेजे थे, जबकि 800 करोड़ रुपये जीडीए खर्च करेगा। इस रकम से जमीन खरीदी जाएगी। इसके बाद 2026-27 वित्तीय वर्ष में फिर शासन स्तर पर फंड मिलेगा। साथ ही प्राधिकरण भी योजना के लिए बजट जारी करेगा।
अतुल वत्स, उपाध्यक्ष, जीडीए, ”हरनंदीपुरम के लिए जमीन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही इसकी डीपीआर तैयार कराने के लिए तीन एजेंसी आगे आई है, जिसमें एक एक का चयन जल्द कर लिया जाएगा। ये दोनों काम पांच महीने के भीतर कर लिए जाएंगे। ताकि फिर योजना धरातल पर नजर आने लगे।”
