- व्यवसायिक में ही पंजीकृत होंगे सरकारी वाहन
- जन सुविधा केंद्र प्रति सेवा 30 रुपये वसूल सकते हैं शुल्क, शिकायत पर कड़ी कार्यवाही: परिवहन आयुक्त
- पुराने वाहनों पर दिल्ली सरकार के यू टर्न पर परिवहन आयुक्त ने साधी चुप्पी

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने कहा कि सरकारी वाहनों का पंजीकरण निजी के स्थान पर व्यावसायिक में हो। इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा व्हाटसएप चैटबॉट के जरिये बगैर आरटीओ कार्यालय जाये परिवहन संबधी सभी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
परिवहन आयुक्त बीएन सिंह शुक्रवार को आरटीओ कार्यालय पहुंचे जहां पर निरीक्षण करने के बाद उन्होंने संभाग के परिवहन अधिकारियों के साथ बैठक की और मीडिया से बात की। उन्होंने परिवहन विभाग में हो रहे तकनीकी बदलावों की जानकारी साझा करते हुए कहा कि आने वाले कुछ ही दिनों में चैटबॉट के जरिये यह भी पता चलेगा कि जनसुविधा केंद्र कहां पर है।
परिवहन आयुक्त ने कहा कि व्हाटसएप चैटबॉट नंबर 8005441222 पर विभाग से जुड़ी किसी भी सेवा के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है। अब सारथी व वाहन पोर्टल के डाटा को एकीकृत किया जा रहा है। ऐसा होने से लोगों को और बेहतर तरीके से सुविधाएं मिल सकेंगी। ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि विभाग की फेसलेस हो चुकीं सभी सेवाओं के अलावा अन्य आवेदन की ज्यादातर प्रक्रियाएं वह खुद से पूरा करे। ऐसा करने में वह सक्षम नहीं है और यदि वह जन सुविधा केंद्र पर जाता है तो वह सेवा शुल्क केवल 30 रुपये ही वसूले। इससे ज्यादा वसूलने पर कार्रवाई होगी। इसलिए जनसुविधा केंद्रों का डाटा भी व्हाटसएप चैटबॉट के जरिये ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस बात पर भी विचार किया गया कि विभाग की 45 सेवाएं कैसे लोकप्रिय हो जिससे आम लोगों को धक्के न खाने पडे

व्यवसायिक में पंजीकृत होंगे सरकारी वाहन
परिवहन आयुक्त ने बताया कि शासन स्तर पर मसौदा तैयार किया गया है कि जिस वाहन का भुगतान सरकारी खाते से हो रहा है, उस वाहन का पंजीकरण अधिकारी व्यवसायिक में ही कराएंगे। विभाग के सभी अधिकारियों को इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ऐसा होने से सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
समीक्षा बैठक में इन बिंदुओं पर हुआ मंथन
परिवहन आयुक्त बीएन सिंह सुबह साढ़े 11 बजे ही आरटीओ कार्यालय पहुंच गये। यहां उन्होंने सभी कार्यालयों, दस्तावेज के रखरखाव आदि की जानकारी ली। जो लोग अपने अपने काम लेकर आए थे, उनसे बात की। हालांकि, अन्य दिनों की अपेक्षा आरटीओ कार्यालय में भीड़ कम थी। रोजाना की तरह कार्यालय के बाहर कोई भी व्यक्ति नहीं दिखा। इसके बाद परिवहन आयुक्त ने आरटीओ प्रशासन प्रमोद कुमार सिंह, एआरटीओ मनोज कुमार सिंह, मनोज कुमार मिश्रा, अमित रंजन राय, आरआई विपिन कुमार आदि अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें राजस्व वसूली का 14 हजार करोड़ का लक्ष्य तय किया गया। आगामी समय में इसको बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।
उन्होंने प्रवर्तन के अधिकरियों से कहा कि ई-रिक्शा आॅटोे के खिलाफ लगातार अभियान चलाएं। सड़क हादसों की स्थिति जानकारी लेते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इसको लेकर गंभीर है। इसलिए हादसों की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं। किस रूट पर कितने ईरिक्शा, आॅटो व अन्य वाहन चलने हैं, इसके लिए पुलिस के अधिकारियों से पत्राचार किया जाए। स्कूली वाहनों के मानक पूरा कराने, डंपिंग ग्राउंड की प्रक्रिया तेज करने आदि बिंदुओं पर भी उन्होंने जरूरी दिशा निर्देश दिए।
10 और 15 साल पुराने वाहनों पर दिल्ली सरकार के यू टर्न पर नहीं की टिप्पणी
परिवहन आयुक्त ने कहा कि दस और 15 साल पुराने वाहनों पर कैसे लगाम लगे इसके लिए प्रथम चरण में गाजियाबाद- नोएडा में 200 कैमरे लगाये जायेंगे, इसके बाद पूरे एनसीआर क्षेत्र में कैमरे लगाने का काम किया जायेगा। उनसे जब पूछा गया कि दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों पर कार्यवाही स्थगित कर दी है जिसके ऊपर उन्होंने किसी भी टिप्पणी से इनकार कर दिया। इस मौके पर संभागीय परिवहन कर्मचारी संघ के प्रदेशीय महामंत्री आशुतोष तिवारी ने परिवहन आयुक्त को प्रतीक चिन्ह भेंट किया।