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आईवीआरआई दीक्षांत समारोह: गर्व के पल, मेडल पाकर खिले मेधावियों के चेहरे

  • आईवीआरआई के युवा वैज्ञानिक बोले- ये सिर्फ मेडल नहीं, हमारी जिम्मेदारी की शुरूआत है
  • बीवीएससी एंड एएच के 41, एमवीएससी 328 और पीएचडी के 207 विद्यार्थियों को मिली डिग्रियां
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों विवेकानंद सभागार में आठ मेधावियों को मिली उपाधि व स्वर्ण पदक

अथाह संवाददाता
बरेली।
आईवीआरआई के विवेकानंद सभागार में आयोजित 11वें दीक्षांत समारोह में मेडल पाने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं के चेहरे उत्साह और गर्व से खिल गए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से पदक प्राप्त कर भावविभोर इन विद्यार्थियों ने अपनी उपलब्धियों को अपने माता-पिता, गुरुजनों और संस्थान के मार्गदर्शन का परिणाम बताया। गर्व के इन क्षणों में मेधावियों ने कहा कि ये मेडल सिर्फ उपाधि नहीं हमारी जिम्मेदारी की शुरूआत हैं। दीक्षांत समारोह में बीवीएससी एंड एएच के 41, एमवीएससी के 328 और पीएचडी के 207 विद्यार्थियों को डिग्रियां मिली। राष्ट्रपति ने आठ मेधावियों को अपने हाथों से उपाधि व स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया। डॉ. तान्या चौधरी, डॉ. अतुल प्रताप सिंह, डॉ. नवजोत सिंह ठाकुर, डॉ. सेलस सीएम, डॉ. खुशबू चौधरी, डॉ. राज कुमार पटेल, डॉ. मेघा शर्मा और डॉ. अमिता बानू को राष्ट्रपति ने विशेष रूप से सम्मानित किया।

मेघा ने माता पिता और गुरुजनों को दिया कामयाबी का श्रेय
जम्मू कश्मीर की रहने वाली पीएचडी गोल्ड मेडल से सम्मानित मेघा शर्मा ने कहा कि यह सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि हमारे कंधों पर बढ़ती जिम्मेदारी का प्रतीक है। मैं इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को देती हूं। अब मेरा लक्ष्य है कि मैं ग्रामीण पशुपालकों के लिए काम करूं और रिसर्च को जमीनी स्तर पर किसानों और पशुपालकों तक पहुंचाऊं। राष्ट्रपति से मेडल पाना मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है। आईवीआरआई ने मुझे जिस तरह से रिसर्च के लिए प्रेरित किया, वह अनुभव जीवनभर साथ रहेगा। मैं देश के लिए कुछ नया करने को प्रतिबद्ध हूं।

शोध के माध्यम से करूंगा पशुपालकों और किसानों की सेवा
यूपी में कुशीनगर निवासी गोल्ड मेडल पाने वाले डॉ. अतुल और हिमाचल के रहने वाले डॉ. नवजोत ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं ऐसे संस्थान से निकला हूं। जिसने पशु चिकित्सा को नई ऊंचाइयां दी हैं। मेरे लिए यह पदक एक प्रेरणा है। मैं अपने शोध के माध्यम से पशुपालन और किसान कल्याण के क्षेत्र में कुछ नया कर सकूं। कोविड काल में आईवीआरआई की भूमिका ने मुझे इस क्षेत्र से और गहराई से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। अब मेरा सपना है कि मैं रिसर्च को किसानों, पशुपालकों और समाज की उन्नति से जोड़ सकूं।

छात्रों ने जताया प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी का आभार
आईवीआरआई के मेधावियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वैज्ञानिक सेवा भाव के दृष्टिकोण को भी सराहा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विज्ञान और तकनीक को प्राथमिकता दिए जाने से युवाओं को नए अवसर मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की जन विकास की नीतियों की वजह से युवाओं को अपनी प्रतिभा को दिखाने के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।

पारंपरिक परिधान में दिखी भारतीय संस्कृति की झलक
दीक्षांत समारोह में छात्रों का पारंपरिक परिधान आकर्षण का केंद्र रहा। छात्र सफेद कुर्ता-पायजामा और छात्राएं लाल बॉर्डर की सफेद साड़ी में दीक्षांत में शामिल हुईं। समारोह अनुशासन और गरिमा के वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति की अलग ही छटा नजर आ रही थी।


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