Dainik Athah

नए प्रतिमान गढ़ने को अग्रसर है एमजीयूजी

  • एमजीयूजी में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु का आगमन मंगलवार को, उपलब्धियों की गौरवगाथा में जुड़ेगा नया अध्याय
  • अकादमिक भवन, पंचकर्म केंद्र, आॅडिटोरियम का लोकार्पण व गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास करेंगी राष्ट्रपति
  • एमजीयूजी देश का पहला विवि जहां स्वनिर्मित सॉफ्टवेयर से आॅनलाइन हुआ छात्र संसद का चुनाव
  • आगामी समय में शत प्रतिशत सौर ऊर्जा से संचालित होगा एमजीयूजी
  • राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के संग एमओयू से अनुसंधान, नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा

अथाह संवाददाता
गोरखपुर।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुपालन हो, ग्लोबल डिमांड वाले रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का संचालन हो, रियायती दर की मॉडर्न मेडिसिन-आयुर्वेद की उत्कृष्ट चिकित्सा हो, नवाचार को बढ़ावा देना हो, अनुशासनबद्ध परिसर संस्कृति हो या फिर पर्यावरण संरक्षण, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) नए प्रतिमान गढ़ने की ओर अग्रसर है। यह देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जहां छात्र संसद का चुनाव स्वनिर्मित सॉफ्टवेयर से आॅनलाइन कराया गया। यह विश्वविद्यालय अब पूरे परिसर को सौर ऊर्जा से संचालित करने की कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाने में जुटा हुआ है। चार साल की उपलब्धिपूर्ण शैक्षिक यात्रा में इस विश्वविद्यालय की गौरवगाथा में मंगलवार (एक जुलाई) को नया अध्याय जुड़ने जा रहा है।
एमजीयूजी निजी क्षेत्र का संभवत: प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय होगा जहां सिर्फ चार साल के दौरान दूसरी बार राष्ट्रपति का कार्यक्रम होने जा रहा है। 28 अगस्त 2021 को एमजीयूजी का लोकार्पण तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। अब मंगलवार को वर्तमान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु का आगमन यहां होने जा रहा है। राष्ट्रपति एमजीयूजी में नवनिर्मित अकादमिक भवन, करीब 1500 लोगों की क्षमता वाले आॅडिटोरियम, विश्व स्तरीय पंचकर्म चिकित्सा केंद्र का लोकार्पण और एक हजार की क्षमता के गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास करेंगी। यह विश्वविद्यालय महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का उच्च शिक्षा केंद्रित ऐसा प्रकल्प है जो चिकित्सा शिक्षा, उससे जुड़े अन्य आयामों और रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 10 दिसंबर 2018 को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक समारोह में पधारे तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परिषद के शताब्दी वर्ष, 2032 तक गोरखपुर को नॉलेज सिटी बनाने का आह्वान किया था। कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह कक कहना है कि एमजीयूजी उसी आह्वान को पूरा करने में एमबीबीएस, बीएएमएस, नर्सिंग, फामेर्सी, पैरामेडिकल, एलायड हेल्थ साइंस, एग्रीकल्चर, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के दो दर्जन से अधिक भविष्योन्मुखी पाठ्यक्रमों का सफल संचालन कर अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है।
एमजीयूजी के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार कहते हैं कि विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं कुलाधिपति, गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा ही यह मंत्र दिया है कि समय से दो कदम आगे चलने की कोशिश करें। एमजीयूजी में उसी मंत्र का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ रहा है। एमजीयूजी में शिक्षा और चिकित्सा की मानकीकृत व्यवस्था के साथ लीक से हटकर समृद्ध परिसर संस्कृति को विकसित करने पर ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में गत वर्ष यहां स्वनिर्मित सॉफ्टवेयर से छात्र संसद का आॅनलाइन चुनाव कराया गया। ऐसा करने वाला यह देश का पहला विश्वविद्यालय है। यही नहीं, आगामी कुछ सालों में यह विश्वविद्यालय अपनी ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं को पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित करेगा। इस प्रस्ताव पर एमजीयूजी की कार्यपरिषद की मुहर लगने के बाद काम शुरू हो चुका है। यह पहल ग्रीन-क्लीन कैंपस के रूप में विकसित एमजीयूजी की तरफ से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में शोध-अनुसंधान, नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एमजीयूजी ने अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (ईरी), लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय नेपाल, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय, एम्स गोरखपुर, केजीएमयू लखनऊ, आरएमआरसी गोरखपुर, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद, वैद्यनाथ आयुर्वेद, इंडो-यूरोपियन चैंबर आॅफ स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो, भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, जुबिलेंट एग्रीकल्चर रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी, लॉजिस्टिक सेक्टर स्किल काउंसिल आदि के साथ एमओयू किया है।

बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एमजीयूजी के बढ़ते कदम
एमजीयूजी बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक जुलाई को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हाथों लोकार्पित होने जा रहे पंचकर्म चिकित्सा केंद्र के सभी 11 कॉटेज विश्व स्तरीय मानक के अनुरूप बनाए गए हैं और वहां चिकित्सा शुरू भी हो चुकी है। इसी तरह लोकार्पण के लिए तैयार आॅडिटोरियम प्रदेश के शानदार और सुविधाजनक प्रेक्षागृहों में से एक है। अकादमिक भवन भी अत्याधुनिक और हाईटेक है। यहां एक हजार की क्षमता का गर्ल्स हॉस्टल भी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा जिसका शिलान्यास राष्ट्रपति करेंगी। आने वाले समय में यहां के मेडिकल कॉलेज में कुल 1800 बेड का हॉस्पिटल होगा जिसका निर्माण कार्य तेजी से जारी है।


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