23 जुलाई को शिवरात्रि व्रत और गंगाजल से शिवलिंग पर होगा जलाभिषेक*शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद।भगवान शिव का प्रिय मास श्रावण मास इस वर्ष 11 जुलाई से आरंभ हो रहा है जो 9 अगस्त तक रहेगा। श्रावण मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्त विभिन्न प्रकार के आयोजन करते हैं। गंगोत्री, हरिद्वार आदि पवित्र गंगा के स्रोतों से गंगाजल लाकर अपने क्षेत्र के शिव मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। श्रावण के सोमवार का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए करती हैं ।
नवयुवतियां अपने होने वाले पति प्राप्ति के लिए सोमवार का व्रत करती हैं ।इसके साथ-साथ भक्तगण रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप, शिव पूजा आदि का आयोजन करते हैं। कुछ भक्तगण तो श्रावण के महीने में एक समय खाना खाते हैं।शास्त्रों में कहा गया कि श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा करने से मानव कल्याण और इच्छा पूर्ति होती है।श्रावण के विभिन्न पर्व इस प्रकार हैं-पहला सोमवार 14 जुलाई दूसरा सोमवार 21 जुलाई तीसरा सोमवार 28 जुलाई चौथा सोमवार 4 अगस्त कामिका एकादशी व्रत 21 जुलाई शिवरात्रि व्रत 23 जुलाई। हरियाली अमावस्या 24 जुलाई। हरियाली तीज 27 जुलाई नाग पंचमी 29 जुलाई पवित्रा एकादशी व्रत 5 अगस्त रक्षाबंधन 9 अगस्त। शिव शंकर ज्योतिष वास्तु अनुसंधान केंद्र के आचार्य पंडित शिवकुमार शर्मा बताया कि सावन के महीने में जब चातुर्मास चल रहा होता है और भगवान नारायण शेष शैय्या पर विश्राम कर रहे होते हैं तब भगवान शिव सृष्टि का भार अपने कंधों पर उठाते हैं और जन कल्याण करते हैं ।इसलिए सभी भक्त और साधकों को श्रद्धापूर्वक इस महीने में अपने आराध्य देव भगवान शिव की पूजा अर्चना करनी चाहिए।

पंडित शिवकुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कंसलटेंट गाजियाबाद