- पहल पोर्टल नित्य बना रहा है नए आयाम
- 76 आवंटियों ने किया था आवेदन
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अतुल वत्स के दिशा निर्देशन में आरंभ किया गया पहल पोर्टल नित्य नए आयाम स्थापित कर रहा है। पोर्टल के माध्यम से घर बैठे किसी तरह के संशोधन आटो करेक्शन की सुविधा का भी लाभ उठाया जाने लगा है। अभी तक आटो करेक्शन की व्यवस्था की कडी में कुल 76 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 65 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके है,जबकि 4 आवेदन निरस्त किए गए है।

7 आवेदन फिल्हाल पेंडिंग है। पहल पोर्टल के माध्यम से न केवल घर बैठे आवंटन लेटर प्राप्त करने,बल्कि म्यूटेशन तथा निकटत्तम बैंक शाखा के माध्यम से किस्तों का भुगतान किए जाने की भी सुविधा उपलब्ध करायी गई है। हाल में जब आंकडों की समीक्षा की गई तो उस दौरान सामने आया था कि पहल पोर्टल से न केवल करीब 7 हजार 452 आवंटी जुड गए है,बल्कि 33081 आवंटियों के द्वारा अपनी निकटत्तम बैंक शाखाओं के माध्यम से प्राधिकरण कोष में करीब सौ करोड की राशि: जीडीए कोष में जमा की जा चुकी है। इस पोर्टल से प्राधिकरण की दस महत्वपूर्ण योजनाओं को जोडा गया है। जिनमें मुख्य रूप से मधुबन बापू धाम,इंदिरापुरम,स्वर्ण जयंति पुरम,प्रताप विहार,वैषाली,कोयल इन्कलेब,इंद्र प्रस्थ,गोविंद पुरम,कपूर्री पुरम,चंद्र शिला आदि योजनाएं है।
पहल पोर्टल में खूबी ये है कि इसमें चालान के माध्यम से घर बैठे किष्तों के भुगतान,नौ डयूज सर्टिफिकेट के साथ रजिस्ट्री के लिए घर बैठे स्लाट बुकिंग की भी सुविधा उपलब्ध करायी गई है। इसके साथ साथ ये भी व्यवस्था सुनिष्चित की गई है कि जैसे की आवंटी के द्वारा किष्तों का भुगतान किया जाएगा,वैसे ही उसे ये जानकारी प्राप्त होगी कि अब कितनी राशि अवशेष है। अगली किश्त का कब भुगतान किया जाना है। पहल पोर्टल के माध्यम से हाल में आवंटियों को उसकी मेल पर आवंटन लेटर भी उपलब्ध कराया गया। अपर सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि अक्सर शिकायते प्राप्त हो रही थीं कि किसी भी तरह के संषोधनों के लिए आवंटी को जीडीए में आना पडता है तथा एक सीट से दूसरी सीट पर भटकना पडता है। ऐसे में आवंटी का समय भी जाया होता है। उन्होंने बताया कि प्रयास ये किए जा रहे है कि छोटी से छोटी समस्याओं के लिए आवंटी को भटकना न पडे।