Dainik Athah

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 का शुभारंभ, पर्यटन मंत्री 15 जून को हरी झंडी दिखाकर पहले जत्थे को करेंगे रवाना

लखनऊ। पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 जून से अगस्त के दौरान पांच वर्षों के अंतराल के बाद पुनः प्रारंभ हो रही है। कोरोना महामारी के कारण स्थगित रही। इस यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह 15 जून को तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार के धर्मार्थ कार्य विभाग द्वारा गाजियाबाद जनपद के इंदिरापुरम में विभिन्न सुविधाओं से युक्त कैलाश मानसरोवर यात्रा भवन का निर्माण कराया गया है, जिसका संचालन उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (यूपीएसटीडीसी) द्वारा किया जा रहा है।

गौरतलब है, कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान लिपुलेख, उत्तराखंड एवं नाथू ला. सिक्किम के मार्ग से यात्रियों के 15 जत्थे कैलाश मानसरोवर पहुंचेंगे। प्रत्येक जत्थे में 50 यात्री शामिल होंगे। पर्यटन मंत्री ने कहा, धर्मार्थ कार्य विभाग की ओर से कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों के लिए पुख्ता प्रबंध किये गए हैं। यूपीएसटीडीसी ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। इंदिरापुरम में विभिन्न सुविधाओं से युक्त कैलाश मानसरोवर यात्रा भवन तीर्थयात्रियों को यात्रा पूर्व एक ही स्थान पर सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगा। पूरी तरह वातानुकूलित भवन में एक समय में 288 व्यक्तियों के ठहरने की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त भू-तल पर स्थित भोजनालय में यात्रियों को शुद्ध सात्विक भोजन परोसा जाएगा।

योग प्रशिक्षकों की देखरेख में प्रतिदिन योग सत्र आयोजित होंगे जिससे यात्री शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ व ऊर्जावान रहेंगे। सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भजन संध्या कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से शुरू होकर 25 अगस्त 2025 तक चलेगी।

उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड द्वारा कैलाश मानसरोवर यात्रा भवन में ठहरने वाले तीर्थयात्रियों/अतिथियों के लिए समुचित व्यवस्था की गई है। आगंतुकों को शुद्ध सात्विक भोजन परोसने की व्यवस्था भू-तल पर स्थित भोजनालय में होगी। यात्रियों के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षित योग गुरुओं के सानिध्य में योग कराया जाएगा। तीर्थयात्रियों को आध्यात्मिक रूप से जोड़ने, शांति प्रदान करने तथा धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भजन संध्या का आयोजन भी होगा।

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