Dainik Athah

इलेक्ट्रिक बसों में तब्दील होंगी डीजल बसें, ट्रायल की तैयारी में योगी सरकार

  • प्रदेश में प्रदूषण मुक्त परिवहन की दिशा में योगी सरकार का बड़ा कदम
  • कानपुर वर्कशॉप में दो बसों को इलेक्ट्रिक में बदला गया, झांसी-ललितपुर रूट पर होगा ट्रायल
  • नई इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने से अतिरिक्त व्यय की होगी बचत
  • अपने बेड़े में 5000 इलेक्ट्रिक बसें जोड़ने की योजना पर काम कर रहा परिवहन विभाग
  • महाकुम्भ में 20 डबल डेकर बस सहित 220 इलेक्ट्रिक बसों ने दी थीं अपनी सेवाएं

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम पुरानी डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदलने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि कानपुर की राम मनोहर लोहिया वर्कशाप में दो डीजल बसों को इलेक्ट्रिक में बदला जा चुका है। इन बसों को झांसी-ललितपुर रूट पर ट्रायल के लिए चलाया जाएगा।

रिट्रोफिटमेंट तकनीक से परिवर्तित होंगी बसें, अतिरिक्त खर्च भी बचेगा
बता दें कि पुरानी डीजल बसों को परिवहन निगम की गाइडलाइन के अनुसार 10 वर्ष या 11 लाख किमी की दूरी तय करने पर बस बेडे़ से हटाया जाना अनिवार्य है। बड़ी संख्या में परिवहन निगम की बसों की प्रतिवर्ष नीलामी होती है। उन्होंने बताया कि डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों में परिवर्तित करने से विभाग को बसों की खरीदारी पर अतिरिक्त व्यय नहीं करना होगा। इस रिट्रोफिटमेंट तकनीक से बसों को बदलने का खर्च कल्याणी पावर ट्रेन और जीरो 21 जैसी कंपनियां उठा रही हैं, जबकि बस की बॉडी का निर्माण परिवहन निगम करेगा। इससे नई बसें खरीदने का अतिरिक्त खर्च बचेगा।

विभाग अपने बेड़े में 5000 इलेक्ट्रिक बसें जोड़ने की बना रहा योजना
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिल रहा है। यह तकनीक प्रदूषण कम करेगी और पर्यावरण को स्वच्छ बनाएगी। परिवहन निगम 5000 इलेक्ट्रिक बसें जोड़ने की योजना पर भी काम कर रहा है। हाल ही में महाकुंभ के लिए 220 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी गई हैं, जिनमें 20 एसी डबल-डेकर बसें शामिल हैं।


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