- पंचायती राज विभाग ने प्रस्ताव शासन को भेजा
- ब्लाक प्रमुख एवं जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव सीधे जनता करेगी
अशोक ओझा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले एक वर्ष के भीतर होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लाक प्रमुख चुनाव सीधे जनता से करवाये जाने की तैयारी है। ऐसा होने पर पैसे के बल पर वोटों की खरीद फरोख्त करने वाले नेताओं को अपनी लोक प्रियता साबित करने के लिए जनता के बीच जाना होगा। ऐसा होने पर जनता ही तय करेगी कि कौनसा नेता लोकप्रिय है। इसके लिए पंचायती राज विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। कैबिनेट की मुहर लगने के बाद प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा जायेगा।
बता दें कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख चुनाव में बड़ा खेल होता है। चुनाव अधिकारियों की मिलीभगत से अनेक स्थानों पर दबंग नेता अथवा बड़े नेताओं के आशीर्वाद प्राप्त नेता गुपचुप तरीके से क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्विरोध चुन लिए जाते हैं। यदि कहीं पर विरोध होता है तो उसे दबा दिया जाता है। वहीं, जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में भी पैसा पानी की तरह बहाया जाता है। इसके बाद दौड़ शुरू होती है ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की।
करोड़ों रुपयों में बिकते हैं जिला पंचायत सदस्य
हालात यह है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पूरा खेल पैसे का और दबंगई का होता है। यदि प्रत्याशी सरकार समर्थक है तो उसका रास्ता आसान अवश्य हो जाता है, लेकिन कुछ वोटों के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं। इन वोटों को गोवा से लेकर दूर दराज के रमणीय स्थलों पर भेज दिया जाता है, जो मतदान के दिन ही वापस लौट कर आते हैं।
सरकार चाहती है वोटों की खरीद फरोख्त पर रोक, जवाबदेही हो तय
सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रकार वोटों की खरीद फरोख्त को रोकने के पक्षधर है। यदि इस पर रोक लगने के साथ ही चुनाव सीधे जनता से होंगे तो जहां भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी, वहीं दूसरी तरफ जनता इनसे जवाब तलब कर सकती है। वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष जिला पंचायत सदस्यों के दबाव में रहते हैं और फिर ….।
सूत्रों का दावा है कि विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। अब इसके ऊपर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद केंद्र सरकार को भेजा जायेगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव सीधे जनता से करवाने का रास्ता साफ हो जायेगा। इसको लेकर कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात भी हुई है जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताई है।
वर्तमान में स्थिति यह है कि जून 2026 में ब्लाक प्रमुखों के साथ ही जिला पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त होगा। ऐसे में कार्यकाल समाप्त होने से छह माह पूर्व और कार्यकाल समाप्त होने के छह माह के अंदर चुनाव कराने होते हैं, हालांकि चुनाव की तैयारियां शासन स्तर से शुरू हो गई है, यहीं कारण है कि नगर पालिका, नगर पंचायत और नगर निगम के सीमा विस्तार पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी गई है।
जानकारों का मानना है कि यदि ब्लाक प्रमुख एवं जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव सीधे जनता से होते हैं जिसकी संभावना अधिक है तो नेताओं की परीक्षा भी हो जायेगी कि जनता में कौन नेता कितना लोकप्रिय है।