- मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग के कार्यों की समीक्षा की
- किसानों की आय में वृद्धि और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना प्रारम्भ करने के निर्देश
- किसानों की आय में वृद्धि, पारदर्शिता और दक्षता को सहकारिता क्षेत्र की प्राथमिकताओं में शामिल करने के निर्देश
- सहकारी बैंकों की ऋण वितरण क्षमता को बढ़ाने, शाखाओं के आधुनिकीकरण हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने और किसानों तक ऋण की सुगमता सुनिश्चित करने पर बल दिया जाए
- भण्डारण क्षमता और बढ़ाए जाने की आवश्यकता, निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक उपयुक्त नीति तैयार की जाए
- पीसीएफ की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार लाने और राइस मिलर्स के भुगतान तत्काल सुनिश्चित करने के निर्देश
- सहकारी क्षेत्र में रिक्त बैंकिंग एवं नॉन-बैंकिंग पदों की शीघ्र भर्ती के लिए आईबीपीएस के माध्यम से चयन प्रक्रिया तेज की जाए
- सहकारी संस्थाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए तकनीक, ऋण और विपणन तक किसानों की पहुंच सुनिश्चित की जाए
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों की आय में वृद्धि और आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से ह्यमुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजनाह्ण प्रारम्भ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्ति दिलाने, उनकी कृषि उत्पादकता बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सतत प्रयासरत है। ऐसे में किसानों को सस्ती दर पर सरलता से ऋण उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह योजना इसी दिशा में एक प्रभावी कदम सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में सहकारिता विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष इस महत्वाकांक्षी योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की गई, जिसे मुख्यमंत्री ने दूरदर्शी और किसान-हितैषी पहल बताया। उन्होंने प्रस्तावित मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना में नाबार्ड के साथ-साथ सहकारी बैंकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का क्रियान्वयन प्रभावी और समयबद्ध हो। इसके लिए सहकारी बैंकों की ऋण वितरण क्षमता को बढ़ाने, शाखाओं के आधुनिकीकरण हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने और किसानों तक ऋण की सुगमता सुनिश्चित करने पर बल दिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि योजना का विस्तृत प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर प्रस्तुत किया जाए।
मुख्यमंत्री ने सहकारिता क्षेत्र की समग्र समीक्षा करते हुए सहकारी संस्थाओं की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से लघु और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि, पारदर्शिता और दक्षता को सहकारिता क्षेत्र की प्राथमिकताओं में शामिल करने के निर्देश दिए।
ज्ञातव्य है कि बैठक में अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश कोआॅपरेटिव बैंक लिमिटेड का ऋण वितरण वर्ष 2017 में 9,190 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2025 में 23,061 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है, वहीं शुद्ध लाभ 100.24 करोड़ रुपये हो गया है। इसी अवधि में जिला सहकारी बैंकों का कुल व्यवसाय 28,349 करोड़ रुपये से बढ़कर 41,234 करोड़ रुपये तक पहुँच गया और शुद्ध लाभ 162 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में फसली ऋण 11,516 करोड़ रुपये एवं दीर्घकालिक ऋण 393 करोड़ रुपये वितरित किया गया। उर्वरक वितरण 34.45 लाख मीट्रिक टन, धान खरीद 25.53 लाख मीट्रिक टन और दलहन-तिलहन खरीद 1.94 लाख मीट्रिक टन रही।
भंडारण क्षमता में वृद्धि के लिए ए0आई0एफ0 योजना के तहत 375 गोदामों का निर्माण कर 37,500 मीट्रिक टन की क्षमता विकसित की गई है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत वर्ष 2017 से अब तक 1,060 गोदामों के माध्यम से 1,17,350 मीट्रिक टन की क्षमता सृजित की गई है। वर्ष 2025-26 में 100 नए गोदामों का निर्माण प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त, देश की सबसे बड़ी अन्न भण्डारण योजना के अन्तर्गत 16 जनपदों में 24 बी-पैक्स केन्द्रों पर 500 से 1000 मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों का प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री ने भण्डारण क्षमता और बढ़ाए जाने की आवश्यकता जताते हुए निर्देश दिए कि नि क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक उपयुक्त नीति तैयार की जाए। उन्होंने पी0सी0एफ0 की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार लाने और राइस मिलर्स के भुगतान तत्काल सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र में रिक्त बैंकिंग एवं नॉन-बैंकिंग पदों की शीघ्र भर्ती के लिए आई0बी0पी0एस0 के माध्यम से चयन प्रक्रिया तेज की जाए। इससे सहकारी संस्थाओं की कार्यक्षमता और सेवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
इस अवसर पर एम-पैक्स समितियों की व्यावसायिक गतिविधियों में भागीदारी पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि इन्हें पी0डी0एस0, जन औषधि, सी0एस0सी0, पी0एम0 किसान सम्मान केंद्र और एम0एस0पी0 जैसी गतिविधियों से जोड़ा गया है। कंप्यूटरीकरण की प्रगति के तहत प्रथम चरण में 1,539, द्वितीय चरण में 1,523 और तृतीय चरण में 2,624 एम-पैक्स समितियों का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया गया कि उत्तर प्रदेश कोआॅपरेटिव बैंक लिमिटेड एवं राज्य के 50 जिला सहकारी बैंकों को नाबार्ड के सी0बी0एस0 क्लाउड प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी संस्थाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए तकनीक, ऋण और विपणन तक किसानों की पहुंच सुनिश्चित की जाए। सहकारिता के माध्यम से प्रदेश के किसानों को समृद्ध और सशक्त बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए नीतिगत सुधारों के क्रम सतत जारी रखे जाएं।