Dainik Athah

6 जनपदों के 52 सेंटर्स पर आयोजित होगी सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा

  • सीएम योगी ने निर्देश पर परीक्षा को नकलविहीन, निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने में जुटा आयोग
  • प्रदेश में मिशन रोजगार के साथ ही भर्ती परीक्षाओं की छवि बदलने की ओर उठाया जा रहा ठोस कदम
  • 16 व 17 अप्रैल को होने जा रही परीक्षा में कुल 82,876 अभ्यर्थी होंगे शामिल, प्रयागराज में सर्वाधिक अभ्यर्थी देंगे परीक्षा
  • हर परीक्षा केंद्र पर सेक्टर और स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती, गोपनीयता व सुरक्षा पर विशेष फोकस

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन रोजगार को मजबूती देने की दिशा में एक और अहम कदम के तहत सहायक आचार्य पद की लिखित परीक्षा को निष्पक्ष और नकलविहीन बनाने के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। परीक्षा 16 और 17 अप्रैल को दो पालियों में 6 जनपदों (आगरा, मेरठ, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी) के 52 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित होगी। सीएम योगी के स्पष्ट निर्देश हैं कि राज्य में कोई भी भर्ती परीक्षा नकल या अनुचित तरीके से प्रभावित न हो। इसी को ध्यान में रखते हुए हर केंद्र पर सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्टैटिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जा रही है। इसके साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

सुरक्षा व निगरानी का विशेष प्लान
सीएम योगी ने जिलाधिकारियों को आदेश दिया गया है कि परीक्षा केंद्रों पर पूरी तरह सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती हो। साथ ही, आवश्यकतानुसार निषेधाज्ञा लागू करने का भी अधिकार जिलाधिकारी को सौंपा गया है। गोपनीय सामग्री को कोषागार से आयोग कार्यालय तक लाने और ले जाने के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।

प्रयागराज में सर्वाधिक अभ्यर्थी देंगे परीक्षा
कुल 82,876 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। प्रयागराज में सर्वाधिक 18,240, मेरठ में 16,010, गोरखपुर में 15,602, लखनऊ में 13,528, वाराणसी में 10,958 और आगरा में 8,538 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। मेरठ, प्रयागराज और गोरखपुर में सर्वाधिक 10-10 केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन किया जाएगा तो वहीं, लखनऊ में 9, वाराणसी में 7 और आगरा में 6 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।

पारदर्शिता और शुचिता पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि भर्ती प्रक्रिया से युवाओं का भरोसा लौटे। इसी के दृष्टिगत आयोग और प्रशासन की संयुक्त निगरानी में परीक्षा कराई जा रही है। आयोग के अध्यक्ष, नामित सदस्य, जनपदीय पर्यवेक्षक और केंद्र के पर्यवेक्षक पूरी परीक्षा पर नजर रखेंगे, ताकि परीक्षा पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ आयोजित की जा सके और योग्य उम्मीदवारों को उचित अवसर मिल सके।


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