Dainik Athah

13 व 14 मार्च को मनाया जाएगा होली का पावन पर्व

  • 13 मार्च को रात्रि 11:30 बजे होगा होलिका दहन
  • 14 मार्च को शुभ योग में खेला जाएगा रंग

शिव शंकर ज्योतिष  एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद के आचार्य शिवकुमार शर्मा के अनुसार इस वर्ष होली का त्यौहार फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी बुधवार ,तेरह मार्च को मनाया जाएगा। 13 मार्च को चतुर्दशी प्रातः 10: 35 बजे तक है। उसके पश्चात पूर्णिमा आ जाएगी और होली का पुण्य पर्व मनाया जाएगा। *होली पूजन का शुभ मुहूर्त*होली पूजन का शुभ मुहूर्त प्रातः8:06 बजे से 10:35 तक रहेगा। दूसरा शुभ मुहूर्त  10:35 से 13:35 बजे से धृति योग  में बहुत शुभ है। इस अवधि में 11:36 से 12:24  बजे तक अभिजीत मुहूर्त भी बहुत शुभ रहेगा।यद्यपि इस दिन भद्रा प्रातः 10:35 बजे से और रात्रि 23 :29 बजे तक रहेगी। लेकिन होली पूजन में भद्रा का विचार नहीं होता है। भद्रा का विचार  केवल होलिका दहन के समय ही होता है।माताएं अपनी संतान के लिए स्थान- स्थान पर रखी गई होलिका के पास पर जाकर  होलिका का पूजन करती हैं और अपनी संतान की दीर्घायु की कामना करती हैं। 

रात्रि 11:30 बजे की बाद रवि योग में  होगा होलिका दहन

13 मार्च को रात्रि 11:29 बजे तक भद्रा होने कारण प्रदोष काल में होलिका दहन नहीं होगा। रात्रि 11:30 के बाद होलिका दहन रवि योग में श्रेष्ठ रहेगा।अगले दिन प्रातः काल शुभ योग में दुल्हैंडी का पर्व मनाया जाएगा।अर्थात 14 मार्च को रंग खेलने का शुभ मुहूर्त प्रात:9:00 बजे से  मध्यान्ह 1:30 बजे तक रहेगा।होली का पर्व नवसस्येष्ठि पर्व के नाम से भी जाना जाता है।अर्थात कृषि प्रधान देश में ग्रामीण अंचलों में रबी की फसल पकने लगती है । किसान प्रसन्न होकर  इस दिन यज्ञ करते हैं और गेहूं की बालियों को होली में भूनकर प्रसाद के रूप में बांटते हैं।

14 मार्च को है चंद्र ग्रहण, भारत में दिखाई नहीं देगा

14 मार्च 2025 फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा शुक्रवार में भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार दिन में 10:39 बजे से दोपहर बाद 2:18 बजे तक विदेशों में चंद्र ग्रहण होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण  अमेरिका ,कनाडा, मेक्सिको ,ग्रीनलैंड, पनामा ,पेरू, उरुग्वे, ब्राजील, अर्जेंटीना, चिली, पश्चिमी यूरोप, पश्चिम आयरलैंड, ब्रिटेन ,नॉर्वे ,स्वीडन ,पश्चिमी पोलैंड, फ्रांस ,स्पेन, पुर्तगाल ,जर्मनी ,इटली, अफ्रीका में मोरक्को अल्जीरिया, नाइजीरिया, उत्तरी अटलांटिक सागर, दक्षिण अटलांटिक सागर, पूर्वी रूस में देखा जा सकेगा।क्योंकि यह चन्द्र ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं है ।इसलिए इसका कोई प्रभाव अथवा सूतक भारत में नहीं होगा।*14 मार्च से ही आरंभ हो रहा है खर मास*14 मार्च दिन शुक्रवार को शाम 18:51 बजे सूर्य मीन की संक्रांति में आ जाएंगे और  एक माह तक खरमास रहेगा ।इसमें वैवाहिक कार्य,गृह प्रवेश आदि वर्जित रहेंगे। 14 अप्रैल को रात्रि 3:21 बजे सूर्य मेष राशि में आएंगे। इसके पश्चात वैवाहिक कार्य, गृह प्रवेश मुहूर्त  नींव पूजन , 16 संस्कार संबंधी शुभ कार्य  आरंभ हो जाएंगे।

पंडित शिवकुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कन्सलटैंट गाजियाबाद।

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