Dainik Athah

योगी सरकार एप से करेगी टीकाकरण की निगरानी, अब नहीं छूटेगा कोई बच्चा

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे प्रदेश में लागू किया गया आरआईएसई एप
  • स्टाफ नर्स, एएनएम व हेल्थ विजिटर को दिया जा रहा प्रशिक्षण

अथाह ब्यूरो
लखनऊ
। योगी सरकार प्रदेश के हर एक बच्चे का नियमित टीकाकरण कराने के उद्देश्य से स्टाफ नर्स, एएनएम व हेल्थ विजिटर को डिजिटल प्रशिक्षण दे रही है। त्वरित टीकाकरण कौशल संवर्धन (आरआईएसई) एप का प्रशिक्षण मिलने के बाद ये स्वास्थ्य कर्मी टीकाकरण कार्यक्रम, सत्र प्रबन्धन, टीके को लेकर सुरक्षा, कोल्ड चेन प्रबन्धन के सिद्धांत, टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव व टीकाकरण से इनकार करने वाले लोगों पर नजर रख सकेंगे और उनके बच्चों का टीकाकरण करवा सकेंगे।

ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि पहल का उद्देश्य नियमित टीकाकरण में लगे स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं के कौशल और कार्यप्रणाली में सुधार करना है। यह एप टीकाकरणकतार्ओं के क्षमता निर्माण में इस तरह से काम कर रहा है कि नियमित टीकाकरण को लेकर समय-समय पर दिशा-निर्देश बदलते रहते हैं जैसे नई तकनीकों को शामिल करना। डॉ. अजय ने बताया कि पायलट के तौर पर यह एप देश के 181 जिलों में लागू किया गया था जहां पर इसका प्रयोग सफल रहा। अब इसे प्रदेश में लागू कर दिया गया है और इसको लेकर जिलास्तरीय अधिकारियों का प्रशिक्षण समस्त 75 जनपदों में पूर्ण किया जा चुका है। इस वक्त ब्लॉकस्तरीय अधिकारियों का प्रशिक्षण चल रहा है। इससे लगभग 52,175 टीकाकरणकर्ता लाभान्वित होंगे।

प्रशिक्षक टीकाकरणकतार्ओं को हर 15 दिन के अंदर पांचों मॉड्यूल को देंगे ट्रेनिंग
पहली प्राथमिकता यह होती है कि इन बदलावों के बारे में टीका लगाने वाले स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं को जल्द से जल्द बताना, जिससे टीकाकरण समय और कुशलता से सुनिश्चित हो सके। वर्तमान में जो प्रशिक्षण प्रणाली है उसके माध्यम से इन सूचनाओं को स्वास्थ्यकर्मियों तक पहुँचने में समय लगता है जबकि फकरए एप के माध्यम से सूचनाएं तेजी से प्रसारित होती हैं। उन्होंने बताया कि पूरा प्रशिक्षण पांच मॉड्यूल में संकलित है। यहाँ से प्रशिक्षण लेने के बाद ये प्रशिक्षक टीकाकरणकतार्ओं को हर 15 दिन के अंतराल पर पांचों मॉड्यूल की ट्रेनिंग देंगे। प्रशिक्षण का पूर्व एवं पश्चात असेसमेंट किया जाएगा। असेसमेंट के बाद जो प्रशिक्षणार्थी 85 से 100 फीसद तक अंक प्राप्त करेंगे, उन्हें गोल्ड प्रमाणपत्र तथा जो 70 से 85 फीसद तक अंक हासिल करेंगे, उन्हें रजत प्रमाणपत्र दिया जाएगा।


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