- योगी सरकार ने सोमवार से होने वाली यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर कसी कमर
- इस बार परीक्षा केंद्रों को स्वास्थ्य किट और प्राथमिक चिकित्सा उपकरणों से किया गया लैस
- योगी सरकार ने नकलविहीन परीक्षा कराने को मीडिया प्रतिनिधियों का भी सहयोग लेने की बनाई रणनीति
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं सोमवार से प्रारंभ हो रही हैं। योगी सरकार ने परीक्षाओं को पारदर्शी, सुरक्षित व नकलविहीन बनाने की तैयारी पूरी कर ली है। इस बार परीक्षा केंद्रों पर न केवल सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी की गई है, बल्कि परीक्षार्थियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखा गया है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप परीक्षार्थियों को प्राथमिक उपचार की सुविधा के साथ मनोचिकित्सकों द्वारा विशेष परामर्श भी दिया जाएगा, ताकि छात्र परीक्षा के तनाव से मुक्त होकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।
केंद्रों पर छात्रों को मिलेगी हेल्थ एंड काउंसिलिंग की सुविधा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर परीक्षा केंद्रों पर छात्रों को आपातकालीन स्थिति में प्राथमिक उपचार की सुविधा मिलेगी। इसके तहत प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर स्वास्थ्य किट और प्राथमिक चिकित्सा उपकरण की व्यवस्था की गयी है। इसके लिए मेडिकल स्टाफ और प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान कर सकें। परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों पर मानसिक दबाव का प्रभाव अक्सर गंभीर समस्याओं का रूप ले लेता है। ऐसे में योगी सरकार ने परीक्षार्थियों के लिए मनोचिकित्सा परामर्श सेवा की भी व्यवस्था की है। परीक्षा अवधि के दौरान प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर प्रशिक्षित मनोचिकित्सक उपलब्ध होंगे, जो परीक्षार्थियों को तनाव, चिंता और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। यह कदम न केवल विद्यार्थियों की मानसिक स्थिति को संतुलित करेगा, बल्कि उन्हें परीक्षा के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने में भी सहायता करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि समय-समय पर होने वाले परामर्श सत्रों से छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और उनकी चिंताओं का समाधान हो सकेगा। इसके अलावा महिला परीक्षार्थियों के लिए विशेष हेल्प डेस्क की भी व्यवस्था की गयी है।
नकलविहीन परीक्षा सुनिश्चित कराने में मीडिया प्रतिनिधियों का अहम रोल
योगी सरकार ने इस बार नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए मीडिया प्रतिनिधियों का सहयोग लेने की भी रणनीति तैयार की है। इसका मुख्य उद्देश्य परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि को रोकना और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा लाइव कवरेज और रिपोर्टिंग से परीक्षा केंद्रों की स्थिति पर नियमित निगरानी बनी रहेगी। इससे परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनियमितता पर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।
योगी सरकार ने सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए उठाए कड़े कदम
. परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी निगरानी होगी।
. कंट्रोल रूम से परीक्षा केंद्रों की लाइव फीड देखी जा सकेगी।
. स्टेटिक मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है।
Ñ. संदिग्ध परीक्षा केंद्रों पर विशेष सतर्कता बरती जाएगी।
. बिजली विभाग को परीक्षा के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
डिजिटल टेक्नोलॉजी से पारदर्शी होगी परीक्षा
. आॅनलाइन वेरिफिकेशन सिस्टम लागू किया गया है, जिससे फर्जी परीक्षार्थियों की पहचान हो सके।
. सभी परीक्षा केंद्रों को ‘स्ट्रॉन्ग रूम’ से जोड़ा गया है, जहां प्रश्न पत्रों की 24़7 निगरानी होगी।
. उत्तर पुस्तिकाओं पर वाटरमार्क और क्यूआर कोड की व्यवस्था की गई है, जिससे पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोका जा सके।