कब समाप्त होगा भाजपा जिलाध्यक्षों के नामों पर संशय
यूपी पर्यवेक्षक विनोद तावड़े से मुहर लगवाकर लखनऊ लौटे प्रदेश अध्यक्ष- महामंत्री संगठन
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अथाह ब्यूरो
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी जिला और महानगर अध्यक्षों के नामों पर संशय के बादल अगले दो तीन दिन में हट सकते हैं। सूत्र तो कुछ ऐसा ही बता रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री दिल्ली से सूची पर मुहर लगवाकर लखनऊ लौटे आए हैं। संगठन चुनाव को लेकर काफी पिछड़ चुकी है। पार्टी फरवरी के मध्य तक भी उत्तर प्रदेश में जिला और महानगर अध्यक्ष भी तय नहीं कर सकी है। पहले दिल्ली के विधानसभा चुनाव की, फिर मतगणना की दुहाई दी जा रही थी, लेकिन मतगणना के चार दिन बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों है। जिला और महानगर अध्यक्ष पदों के अनेक दावेदार तो थककर घर बैठ चुके हैं, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में ऐसे दावेदार हैं जो खुद को दौड़ में मान रहे हैं। कुछ दावेदार अब भी इस प्रयास में है कि पैसे के दम पर पद हासिल कर ले, लेकिन केंद्रीय पर्यवेक्षक विनोद तावड़े के कड़े रुख के कारण इसकी संभावना क्षीण है, हालांकि पर्यवेक्षक कितने अंधेरे में रहेंगे इस संबंध में कुछ कहना कठिन है। सूत्र बताते हैं कि यदि गड़बड़ हुई तो ऐसे नेता के लिए पार्टी में शायद ही आगे राजनीति पर विराम लग सकता है।सूत्र बताते है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह दो दिन दिल्ली में रह कर बुधवार को को लखनऊ लौटे हैं। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में दोनों पदाधिकारियों का सूची को लेकर राष्ट्रीयः महामंत्री और प्रदेश के संगठन चुनाव पर्यवेक्षक विनोद तावड़े के साथ बैठक हुई है। बताते हैं कि सूची को अंतिम रूप दिया जा चुका है, इंतजार है तो बस घोषणा का जिसका कार्यकर्ताओं को बेसब्री से इंतजार है।सूत्र यह भी बताते हैं कि जब प्रदेश के दोनों पदाधिकारी दिल्ली गए तब राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष दिल्ली में नहीं थे जिस कारण एक दो दिन का समय और लगने की संभावना व्यक्त की जाती रही हैं, हालांकि इस मामले में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।