अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार ने 12 फरवरी को संत शिरोमणि रविदास जयंती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इसके लिए यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव जितेंद्र कुमार ने मंगलवार शाम को एक विज्ञप्ति जारी कर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की। बतादें कि इसके पहले संत रविदास जयंती के मौके पर निर्बन्धित अवकाश रहता था। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि 17 दिसम्बर 2024 द्वारा वर्ष 2025 हेतु घोषित अवकाशों की सूची के प्रस्तर 2 में पहले रविदास जयंती पर निर्बन्धित अवकाश घोषित किया गया बाद में सम्यक विचारोपरांत संत रविदास जयंती के अवसर पर 12 फरवरी को निर्बन्धित अवकाश के स्थान पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है।
संत रविदास का जन्म माघी पूर्णिमा के अवसर पर यूपी के ही वाराणसी में हुआ था। हर साल यहां पर बहुत बड़ा उत्सव भी मनााया जाता है। संत रविदास को संत शिरोमणि संत गुरु की उपाधि दी गई है। इन्होंने रविदासीया पंथ की स्थापना की और इनके रचे गए कुछ भजन सिख लोगों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं। इन्होंने जात पात का घोर विरोध किया और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाया। कहा जाता है कि रविदास ने साधु-सन्तों की संगति से ज्ञान प्राप्त किया था। कई लोगों का मानना है कि संत रविदास जी का कोई गुरु नहीं था।
संत रविदास ने लोगों को कुरीतियों और अज्ञानता के साथ ही धार्मिक अंधविश्वास व आडंबरों से दूर रहने का संदेश दिया। गंगा किनारे जन्म लेने वाले संत रविदास की एक उक्ति खूब प्रचलित है। वह कहते थे, मन चंगा तो कठौती में गंगा। इसका अर्थ है कि अगर मन पवित्र है तो गंगा में भी स्नान की आवश्यकता नहीं है।