Dainik Athah

जनप्रतिनिधि दिल्ली चुनाव में ‘पार्षदों- सभासदों को नामित करने की सूची’ पर कैसे हो सकेगा मंथन

  • तीन तरफा मुश्किलों में भाजपा, जिलाध्यक्षों की घोषणा का इंतजार
  • दिल्ली के पड़ौसी जिलों में तीन के बाद ही हो पायेगी कोर कमेटी की बैठकें
  • गाजियाबाद जिला- महानगर के लिए प्रदेश महामंत्री अमर पाल मौर्य को नियुक्त किया गया है पर्यवेक्षक
  • नगर निगमों के लिए 20 से 25, नगर पालिकाओं के लिए 10 से 15, नगर पंचायतों के लिए करीब 10 कार्यकर्ताओं की तैयार होगी सूची

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
एक तरफ कार्यकर्ताओं को जिला व महानगर अध्यक्षों की सूची का इंतजार है, दूसरी तरफ सांसद विधायक समेत प्रमुख नेता दिल्ली चुनाव में व्यस्त है, वहीं प्रदेश संगठन को पार्षदों एवं सभासदों को नामित करने की सूची भी भेजनी है। इस स्थिति में सूची तैयार करने को लेकर कोर कमेटी की बैठक तीन फरवरी के बाद ही होने की संभावना है। ऐसे में सूची को लेकर संकट नजर आ रहा है। इसके लिए प्रदेश महामंत्री अमर पाल मौर्य को गाजियाबाद जिला और महानगर के लिए पर्यवेक्षक नामित किया गया है।

बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों में पार्षदों एवं सभासदों को नामित करना है। अब तक भी पार्षद व सभासद नामित न होने के कारण कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ रही है। अब प्रदेश भाजपा संगठन ने सभी जिलों को निर्देश दिये हैं कि वे एक फरवरी तक बैठकें करने के बाद पार्षदों एवं सभासदों को नामित करने के लिए सूची प्रदेश कार्यालय को भेजें। नगर निगम में दस, नगर पालिकाओं में पांच एवं नगर पंचायतों में तीन- तीन पार्षद एवं सभासद नामित किये जाने हैं।

भाजपा सूत्रों के अनुसार जितने पार्षद एवं सभासद नामित किये जाने हैं उससे कम से कम दो गुना दावेदारों की सूची तैयार की जायेगी। उसमें से बाद में छंटनी की जायेगी। इसके लिए कोर कमेटी की बैठकों में नाम तय होंगे। कोर कमेटी में मुख्य रूप से सांसद और विधायकों के साथ ही जिला एवं महानगर अध्यक्ष तथा जिले में निवास करने वाले क्षेत्रीय एवं प्रदेश पदाधिकारी शामिल होते हैं। लेकिन स्थिति यह है गाजियाबाद समेत दिल्ली के पड़ौसी जिलों के सांसद- विधायकों समेत प्रमुख कार्यकर्ता दिल्ली चुनाव में व्यस्त है। इनमें से अनेक विधायकों को तो एक रात की अनुमति भी अपने घर जाने के लिए नहीं मिल रही, वहीं कुछ प्रमुख कार्यकर्ता रात 12 बजे घर आने के बाद सुबह सात बजे फिर से दिल्ली के लिए निकल जाते हैं। ऐसी स्थिति में कोर कमेटी की बैठक होना अत्यंत कठिन कार्य है।

सूत्र बताते हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में दिल्ली चुनाव के कारण परेशानी उत्पन्न होने के कारण प्रदेश संगठन से अनुमति मांगी गई है कि गाजियाबाद समेत कुछ जिलों की सूची चार फरवरी के बाद भेजी जायेगी। इसके लिए चार फरवरी को गाजियाबाद में कोर कमेटी की बैठक हो सकती है।

गाजियाबाद जिला- महानगर के लिए प्रदेश महामंत्री अमर पाल मौर्य को नियुक्त किया गया पर्यवेक्षक
गाजियाबाद जिला और महानगर में पार्षदों एवं सभासदों की सूची तैयार करने के लिए प्रदेश भाजपा महामंत्री एवं राज्यसभा सदस्य अमर पाल मौर्य को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही अन्य जिलों में भी प्रदेश पदाधिकारियों को नियुक्त किया गया है।

कोर कमेटी की बैठक से पहले बदल सकते हैं जिलाध्यक्ष

भाजपा सूत्रों के अनुसार भाजपा जिला और महानगर अध्यक्षों की घोषणा अब तक न होने के कारण भी परेशानी है। यदि कोर कमेटी की बैठक से पहले जिला और महानगर अध्यक्ष की घोषणा हो जाती है जिसकी उम्मीद है तो नये बनने वाले अध्यक्षों की भूमिका भी बड़ी हो जायेगी। यदि कोर कमेटी की बैठक के बाद अध्यक्षों की घोषणा होती है तब नये अध्यक्ष भी बदलाव के लिए दबाव बनायेंगे।

नगर निगमों के पार्षदों, नगर पालिकाओं के सभासदों एवं नगर पंचायतों के लिए सभासदों को नामित करने के लिए हर जिले से सूची तैयार होनी है। उम्मीद है कि जिलों से अनुभवी, मेहनती और कर्मठ कार्यकर्ताओं की सूची संगठन एवं जन प्रतिनिधि मिलकर तैयार करेंगे जिससे कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार होगा। कुछ जिलों में दिल्ली चुनाव के कारण सूची में दो से तीन दिन की देरी संभावित है।
सत्येंद्र सिसौदिया
क्षेत्रीय अध्यक्ष, भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश


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