- पुलिस प्रशासन ने महाकुम्भ में संभावित बड़े हादसे को टाला, सुव्यवस्थित रेस्क्यू को दिया अंजाम
- प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने तुरंत स्थिति को नियंत्रित किया
- आईजी और मेला एसएसपी ने तुरंत एक्शन लेते हुए स्थिति को किया नियंत्रित
- भीड़ के भारी दबाव के बीच पुलिस और प्रशासन की तत्परता ने रोकी बड़ी दुर्घटना
- घायलों को केंद्रीय अस्पताल तक पहुंचाने के लिए सेकेंडों में बना डाला ग्रीन कॉरिडोर
अथाह संवाददाता
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर प्रयागराज के संगम तट पर मध्य रात्रि से ही करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे थे। यही नहीं, बड़ी संख्या में एक दिन पहले से ही श्रद्धालु संगम तट पर डटे हुए थे। इससे घाटों पर भीड़ अनियंत्रित हो गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भीड़ के दबाव के चलते भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने घटना के बाद जिस तेजी से हालातों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया वह वाकई यूपी की पुलिस फोर्स के प्रोफेशनलिज्म को दर्शा रहा है। यूपी पुलिस के जवानों के क्विक रिस्पांस की वजह से बहुत बड़ा हादसा सीमित कर दिया गया। हादसे में फंसे प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि पुलिस के जवान हम लोगों के लिए भगवान के दूत बन कर आये, नहीं तो बड़ी संख्या में जानें जा सकती थीं।
रस्से डालकर भीड़ को किया नियोजित
प्रयागराज महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के महापर्व पर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर मौजूद थे। अमृत स्नान के उत्साह और भीड़ के भारी दबाव के चलते रात्रि में भगदड़ जैसी स्थित बन गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि लेकिन प्रशासन ने तत्काल स्थित पर नियंत्रण करते हुए संभावित बड़े हादसे को टाल दिया। पुलिस प्रशासन और आएएफ के जवानों ने रस्से डाल कर भीड़ को नियोजित किया। पुलिस के सभी बड़े अधिकारियों ने तत्काल घटना स्थल पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण में लिया। आई जी प्रेम कुमार और मेला एसएसपी राजेश द्विवेदी ने घटना स्थल पर पहुंच कर करोड़ों की संख्या में संगम स्थल पर मौजूद स्नानार्थियों को अलग रास्तों से रवाना कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
रिहर्सल का मिला लाभ
प्रत्यक्षदर्शी श्रद्धालुओं का कहना है कि पुलिस प्रशासन ने समय रहते भीड़ पर काबू पा लिया नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। यूपी पुलिस के जवानों ने तुरंत एक्शन लेते हुए घटना स्थल से भीड़ में फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला। उन्हें सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाया गया और पहले से रिहर्लस किये हुए तरीके से ग्रीन कॉरिडोर को तैयार किया गया। जहां से हर मिनट की फ्रीक्वेंसी से एंबुलेंस घायल तीर्थ यात्रियों को अस्पताल पहुंचाने में कामयाब रही। तत्काल राहत और इलाज मिलने से घायलों की स्थिति को गंभीर होने से बचा लिया गया।
चौकन्नी रही पुलिस
डीआईजी कुम्भ वैभव कृष्ण ने बताया कि आज बहुत बड़ी संख्या में भीड़ आई है। आसपास के जनपदों से भारी भीड़ प्रयागराज पहुंची है। अनुमान है कि 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु प्रयागराज में आए हैं। हमारे सारे अधिकारी मंगलवार रात से ही क्राउड मैनेजमेंट में जुटे हुए थे। संगम समेत सभी घाटों पर लोग बड़ी संख्या में स्नान कर रहे हैं। भीड़ पर अब पूरी तरह नियंत्रण कर लिया गया है और स्थिति पूरी तरह सामान्य है। वहीं, एसएसपी कुम्भ राजेश द्विवेदी ने बताया कि संगम नोज पर बहुत ज्यादा ओवरक्राउडिंग हो गई थी। स्थिति को जल्दी ही नियंत्रण में ले लिया गया है। तत्काल प्रभाव से श्रद्धालुओं से अपील की गई कि जिन रास्तों से आए हैं, वहीं पर घाट उनके लिए खुले हैं। वो आएं सुगमता से स्नान कर वापस सकुशल घर जाएं।
10-12 घंटे काम कर रहे यूपी पुलिस के जवान
उल्लेखनीय है कि महाकुम्भ में यूपी पुलिस जीतोड़ मेहनत कर रही है। हर संभव स्तर पर श्रद्धालुओं को मदद करने में लगी है। यूपी पुलिस का एक-एक जवान 10-12 घंटे खड़े होकर लोगों की हेल्प कर रहा है। लोगों का गुस्सा झेलते हैं, लेकिन तमाम एहतियात इसलिए बरते जा रहे हैं ताकि अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके। रूट डायवर्जन इसी का हिस्सा है। प्रशासन का लगातार यही प्रयास रहा कि जो श्रद्धालु जिस तरफ से आए, उसी तरफ के घाट पर स्नान करे। संगम पर सभी को स्नान नहीं कराया जा सकता, ये बात पब्लिक को भी समझनी होगी।