10 महाविद्याओं की साधना की जाती है इन नवरात्रों में शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद क्या आचार्य शिवकुमार शर्मा के अनुसार माघ मास के गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से आरंभ हो रहे हैं। वर्ष भर में चार नवरात्रि होते हैं ,दो प्रत्यक्ष नवरात्रि ,शारदीय नवरात्रि और वासंतिक नवरात्रि जो अश्विन और चैत्र के महीने में आते हैं और दो गुप्त नवरात्रि जो आषाढ़ और माघ के महीने में होते हैं। प्रत्यक्ष नवरात्रों में मां भगवती के शैलपुत्री आदि नौ देवियों की पूजा होती है। किंतु गुप्त नवरात्रों में भगवती मां की 10 महाविद्याओं की पूजा होती है ।इन्हें साधक, तांत्रिक लोग करते हैं अथवा सामान्य व्यक्ति भी जो कोई साधना मंत्र जाप , विशिष्ट पूजा करना चाहे तो उसे कर सकता है। दस महाविद्याएं इस प्रकार हैं:काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला। इन देवियों पूजा की जाती है।30 जनवरी को माघ शुक्ल प्रतिपदा गुरुवार श्रवण नक्षत्र होने कारण श्रीवत्स बनता है ।
श्रीवत्स योग में नवरात्रि का आयोजन बहुत शुभ माना गया है।गुरुवार से आरंभ होने के कारण दुर्गा माता डोली या पालकी पर सवार होकर आएंगी। वैसे तो दुर्गा माता का वाहन सिंह है ,लेकिन नवरात्रि में दिनों के अनुसार उनके अलग-अलग वाहन ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं। बृहस्पतिवार को गुप्त नवरात्रि आरंभ होने से मां भगवती डोली पर सवार होकर आएंगी। जब माता पालकी या डोली पर सवार होकर आती है तो देश और विश्व भर में उपद्रव तथा अराजकता फैलती है। अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। धरा रक्तरंजित हो सकती है, शक्तिशाली देश दूसरे देशों पर युद्ध थोपेंगे। जन धन की हानि का संकेत हैं। प्रशासनिक क्षेत्रों में हलचल रहेगी। जनता में असंतोष रहेगा। यद्यपि वर्षा की अधिकता रहेगी जो फसल के लिए किसानों के लिए शुभ योग है। इस वर्ष अधिक गर्मी पड़ेगी।*कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त*प्रातः 06:15 बजे से 9:26 बजे तक बजे तक मकर व कुंभ लग्न ( चर और स्थिर लग्न।11:36 बजे से 12: 24 बजे तकअभिजित मुहूर्त।इन मुहूर्त में कल स्थापना करना शुभ रहेगा।दुर्गा सप्तमी का व्रत 4 फरवरी को रखा जाएगा, दुर्गा अष्टमी का व्रत 5 फरवरी को और महानवमी 6 फरवरी को होगी। उसी दिन भगवती मां का विसर्जन हो जाएगा।
आचार्य शिवकुमार शर्मा ,ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कंसलटेंट गाजियाबाद