Dainik Athah

पब्लिक ट्रांसपोर्ट फाइनेंस और सस्टेनेबिलिटी के लिए इनोवेशन को किया प्रदर्शित

एनसीआरटीसी ने की यूआईटीपी ट्रांसपोर्ट इक्नोमिक्स और फाइनेंस कमेटी बैठक की मेजबानी

अथाह संवाददाता
नयी दिल्ली/ गाजियाबाद
। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा सह-आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक परिवहन संघ (यूआईटीपी) की ट्रांसपोर्ट, इक्नोमिक्स एंड फाइनेंस कमेटी (टीईएफसी) की बैठकों का उद्घाटन मंगलवार को नई दिल्ली में किया गया। इस हाइब्रिड कार्यक्रम में सार्वजनिक परिवहन संचालकों, अधिकारियों, सरकारी अधिकारियों और दुनिया भर के विशेषज्ञों के 40 से अधिक वरिष्ठ प्रतिनिधि दो दिवसीय बैठक के लिए एकत्रित हुए, जिसमें सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में सतत गतिशीलता, किफायती किराए, नवीन वित्तपोषण और परिचालन दक्षता पर विचार-विमर्श किया गया।

एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने अपने स्वागत उद्बोधन में प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा, _भारत में पहली बार टीईएफसी बैठक का आयोजन किया जा रहा है, और एनसीआरटीसी को समिति की बैठकों की मेजबानी करने और सार्वजनिक परिवहन के भविष्य को आकार देने वाली चचार्ओं को को एक मंच प्रदान करने का सम्मान मिला है। दुनिया भर के शहर बढ़ती आबादी और पर्यावरण संबंधी चिंताओं की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, ऐसे में यह स्पष्ट है कि शहरी परिवहन का भविष्य हर प्रकार से सतत, आर्थिक रूप से व्यवहार्य, पर्यावरण के प्रति जिÞम्मेदार और बदलती परिस्थितियों के लिए दीर्घकालिक रूप से अनुकूल होना चाहिए। हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए समावेशी और कुशल परिवहन प्रणाली बनाने की दिशा में प्रभावशाली बदलाव लाने के लिए यूआईटीपी जैसे मंचों का उपयोग करना चाहिए। यह मंच हमें रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) की परिवर्तनकारी क्षमता का प्रदर्शन करने और विश्व की सर्वोच्च प्रथाओं से प्रेरणा लेने का एक अमूल्य अवसर भी प्रदान करता है।
प्रबंध निदेशक ने यह भी साझा किया कि, टीईएफसी के एक दीर्घकालिक सदस्य के रूप में, एनसीआरटीसी को खुशी है कि इसने समिति की कई पहलुओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जैसे वैल्यू-ऐडेड इनपुट प्रदान करने मे, विभिन्न वर्किंग-पेपर पर चचार्एँ और विचार-विमर्श करने तथा कार्य समूहों में भाग लेने मे। इन सहयोगों ने आरआरटीएस जैसी विश्व स्तरीय परियोजनाओं को लागू करने के लिए एनसीआरटीसी की क्षमता को स्थापित किया है, और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों के साथ मूल्यवान साझेदारी को बढ़ावा दिया है।
अपने प्रेजनटेशन के माध्यम से, एनसीआरटीसी ने वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने के लिए अपनी रणनीतियों पर प्रकाश डाला, जिसमें आॅपरेशन और मेंटिनेंस कॉस्ट का अनुकूलन, ट्रांजिÞट- ओरिऐंटेड डेवलेपमेंट हेतु पहल, निर्बाध मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन, फर्स्ट-लास्ट माइल कनेक्टिविटी और यात्री-केंद्रित स्टेशन डिजाइन शामिल हैं। आरआरटीएस अपने यात्री-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ न केवल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में क्रांति ला रहा है, बल्कि सार्वजनिक परिवहन में सततता और वित्तीय नवाचार के लिए नए मानक भी स्थापित कर रहा है।
पहले दिन आयोजित सत्रों में किफायती किराए और अभिनव मूल्य निर्धारण मॉडल जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई और सदस्यों ने जर्मनी और आइल डी फ्रांस के टिकटिंग पर विचार साझा किए। ग्रीन फायनन्सिंग जो लो-कार्बन ट्रांजिÞट सिस्टम को प्रोत्साहित करती हैं, उन पर भी प्रमुख चचार्एँ हुईं। प्रतिनिधियों ने पर्यावरण के अनुकूल परिवहन समाधानों को आगे बढ़ाने में कार्बन क्रेडिट की भूमिका पर भी प्रकाश डाला, जो भारत की अपने परिवहन क्षेत्र को डीकाबोर्नाइज करने की प्रतिबद्धताओं के साथ अनुकूलित है। समिति ने अपने कार्य समूहों जैसे कि सस्टेनेबल फाइनेंस, सार्वजनिक परिवहन के प्रभाव, आदि पर भी अपडेट लिया। दोपहर के सत्र में, प्रतिभागियों ने लागतों को अनुकूलित करने और सेवा वितरण में सुधार करने के लिए डेटा-ड्रिवन अप्रोच प्रस्तुत किए, जिसमें यह दिखाया गया कि कैसे प्रौद्योगिकी अर्बन ट्रांजिÞट आॅपरेशन्स में कैसे बदलाव ला रही है।
बैठक के दूसरे दिन शहरी परिवहन में वित्तीय व्यवहार्यता और दक्षता बढ़ाने के साधन के रूप में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनपशिप (पीपीपी) की भूमिका पर चर्चा की गई। प्रतिनिधियों ने भारत और विश्व स्तर पर लागू सफल पीपीपी मॉडल पर केस स्टडी की, जिसमें नवाचार को बढ़ावा देने और सेवा वितरण में सुधार करने की क्षमता का प्रदर्शन किया गया। भारतीय रेल परिदृश्य भी चर्चा का विषय रहा, जिसमें फंडिंग मॉडल, बुनियादी ढांचे के विकास और मौजूदा प्रणालियों में आधुनिक तकनीकों के एकीकरण पर विस्तृत चर्चा की गई।
प्रतिनिधियों ने आज एनसीआरटीसी के दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का दौरा भी किया। इस विजिट के दौरान उन्होंने आरआरटीएस परियोजना के यात्री-केंद्रित इंफ्रास्ट्रक्चर, मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन और भारत की प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के विकास में इस्तेमाल की जा रही उन्नत तकनीकों पर का प्रत्यक्ष अनुभव किया। इस यात्रा ने इस दो-दिवसीय बैठक के दौरान हुई चचार्ओं का व्यावहारिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जिसने एक परिवर्तनकारी मोबिलिटी अनुभव प्रदान करने की एनसीआरटीसी की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ किया।
एनसीआरटीसी आरआरटीएस कॉरिडोर की योजना और कार्यान्वयन में उत्कृष्टता के उच्च मानकों को प्राप्त करने के लिए वैश्विक सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान का लाभ उठाने के लिए प्रयासरत है।

यूआईटीपी के विषय में
इंटरनेशनल एसोसिएशन आॅफ पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन (यूआईटीपी), दुनिया भर के सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों, नेटवर्क, आॅपरेटरों और संबंधित सेवा प्रदाताओं का एक सदस्यों के नेतृत्व में संचालित एक संगठन है, जो सस्टेनेबल अर्बन मोबिलिटी की दिशा में काम कर रहा है। 1885 में स्थापित यूआईटीपी को पॉलिसी, एडवोकेसी और सार्वजनिक परिवहन से संबंधित मामलों में ट्रेनिंग के शीर्ष संगठन के रूप में वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है। वर्तमान में, इसमें 1900 से अधिक सदस्य संगठन हैं जो लगभग 100 देशों में विस्तृत हैं। यूआईटीपी का मुख्य कार्यालय ब्रुसेल्स में है, और 13 क्षेत्रीय कार्यालय हैं, जिनमें से एक भारत में है।


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