Dainik Athah

शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित प्रबंधित स्वच्छता विकास पर शुरू हुई दो दिवसीय नेशनल नॉलेज वर्कशाप

  • विश्व शौचालय दिवस पर हुई कार्यशाला
  • यूज्ड वाटर मैनेजमेंट विषयक कार्यशाला का केंद्रीय राज्य मंत्री और नगर विकास मंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर की शुरूआत

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित प्रबंधित स्वच्छता विकास पर दो दिवसीय नेशनल नॉलेज वर्कशाप की शुरूआत केंद्रीय शहरी मंत्रालय के राज्य मंत्री तोखन साहू, प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, राज्य मंत्री राकेश राठौर ‘गुरू’, भारत में अमरीकी राजदूत एच. ई. एरिक गासेर्टी ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। उसके पश्चात् केंद्रीय ऊर्जा, शहरी आवासान कार्य मंत्रालय मनोहर लाल का विश्व शौचालय दिवस पर स्वच्छता का सन्देश देते हुए कहा कि सभी सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई और संख्या को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। तथा सभी के लिए सीवर नेटवर्क की पहुंच सुलभ हो इसके प्रयास करने की बात कही। वर्कशाप में सभी के लिए टॉयलेट, मैनहोल से मशीन होल, सफाई मित्र सुरक्षा एवं स्वास्थ्य, ओडीएफ से ओडीएफ प्लस प्लस, स्वच्छता पर विभिन्न राज्यों द्वारा अपने अनुभवों को साझा करने, योजना और डीपीआर निर्माण पर अपनी रिपोर्ट साझा करना, तकनीकी प्रयोग, कूड़ा प्रबंधन आदि मुद्दों पर शेसन आयोजित हुए कार्यशाला के दौरान दो एमओयू भी साइन हुए।

कार्यशाला को सम्बोधित करते केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा प्रधानमंत्री के संकल्प से स्वच्छ भारत मिशन के तहत आज पूरा देश खुले में शौच से मुक्त हो गया है। प्रधानमंत्री को स्वच्छता की प्रेरणा छत्तीसगढ़ से मिली। उनके प्रयासों से स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत 2014 से हुई। वर्ष 2021 में इसके दूसरे चरण की शरुआत हुई। देश में अब जन-जन स्वच्छता के प्रतियोगिता जागरूक होकर इसपर ध्यान दे रहा है। जिससे देश में बहुत सी बीमारियों के फैलने से मुक्ति मिली है और बच्चों के जीवन को बचाने तथा महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार में भी सफलता मिली है। आज देश के शहरी क्षेत्रों में 97 प्रतिशत वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था संचालित है। देश के 65 शहर वाटर प्लस हो चुके हैं। उन्होंने प्रदेश के नगर विकास के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का शहरी क्षेत्र स्वच्छता के मामलों में उन्नति कर चुका है। प्रयागराज में होने वाले महाकुम्भ 2025 को दिव्य और भव्य रूप से आयोजित करने के लिए नगर विकास विभाग पूरी तत्परता से प्रयासरत है। विगत कुम्भ की तरह इस बार भी कुम्भ क्षेत्र में सफाई और स्वच्छता दिखेगी। और इस महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ के रूप में मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं भगवान श्री राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से श्री राम की जन्मभूमि उत्तर प्रदेश में आया हूं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ की व्यवस्था और स्वच्छता बहुत ही प्रशंसनीय है। नगर विकास मंत्री के प्रयासों से दो-तीन वर्षो में ही लखनऊ पूरा स्वच्छ और सुन्दर दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड टॉयलेट डे (अंतर्राष्ट्रीय शौचालय दिवस – 19 नवम्बर) पर आज पूरे देश में भारत सरकार के शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा 5 सप्ताह का ’19 नवम्बर से 25 दिसम्बर’ क्लीन टॉयलेट अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने सभी राज्यों से अपील की, कि वे आपने सभी सार्वजानिक व सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव, साफ-सफाई व सुरक्षा के बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित कराये जाएं। जिससे इन शौचालयों का प्रयोग करने वालों के मन में स्वच्छता और शांति का बोध हो, और इसके प्रयोग को बढ़ावा मिले। उन्होंने अधिक से अधिक सार्वजानिक व सामुदायिक शौचालयों के निर्माण व प्रबंधन का आह्वान किया।
प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन की शरुआत के बाद से देश में स्वच्छता को लेकर लोगों की धारणाये बदली हैं, जिससे परिवर्तन आया है। सभी निकाय खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो चुकी हैं। वहीं 435 ओडीएफ प्लस हुए 129 निकायों ने ओडीएफ प्लस-प्लस का दर्जा प्राप्त कर लिया है। यहां तक कि प्रदेश में सफाई कार्मिकों को अब पूरा सम्मान मिलता है, और उनके उत्थान के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं। उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। उनके बच्चों के लिए अच्छे स्कूलों में पढ़ाई की व्यवस्था भी की जा रही है। सफाई कर्मियों के जीवन और स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए सफाई के खतरनाक कार्यों व मेन होल की सफाई के लिए मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। सफाई कार्यों में लगे सभी कर्मिकों को स्वच्छता और सुरक्षा किट भी दी गयी है, साथ ही उनके स्वास्थ्य का भी परिक्षण भी कराया जाता है। नागरिकों और संस्थाओं के माध्यम से उन्हें अन्य साहूलियतें भी दिलाई जाती हैं। सफाई कार्यों को पूर्ण सुरक्षा के साथ कराया जा रहा है। 30 से 40 प्रतिशत कूड़े का पूर्ण निस्तारण भी किया जा रहा है। इसमें आगे बढ़ रहे वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन किया जा रहा है। वहीं घरों से गीले-सूखे कूड़े को अलग-अलग प्राप्त करना अभी भी चुनौतीपूर्ण है, मगर हम प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक की मदद से शहरों की सफाई व्यवस्था को बनाये रखना, तथा कूड़े के प्रबंधन में सफलता मिलेगी। जब विश्व में कहीं पर भी नगरीय व्यवस्था नहीं थी, तब हमारे देश के सिंध घाटी के निवासियों ने प्राचीन काल में ही ड्रेनेज एवं सेपतिक सिस्टम को लागू कर दुनिया को नागरीकरण की व्यवस्था दी। उन्होंने कहा कि विगत 2-3 वर्षों में प्रदेश में सभी त्योहारों को पूर्ण स्वच्छता, प्लास्टिक मुक्त व जीरो वेस्ट इवेंट के रूप में मनाया जा रहा है। हाल ही में, छठ पर्व में गोमती नदी सहित अन्य नदियों के भी सभी छठ पूजा घाटों स्वच्छ और सुन्दर बनाकर श्रद्धालुओं को स्वस्थ्य पर्यावरण में पूजन करने की सुविधा दी। इसी प्रकार आगामी महाकुम्भ 2025 को पूर्ण स्वच्छता के साथ दिव्य और भव्य रूप देने के लिए नगर विकास निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या अनुपात में विश्व का 5वां बड़ा देश हो सकता है। हमारे प्रदेश की संस्कृति बहुत प्राचीन है। वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, लखनऊ आदि पौराणिक शहर हैं। यहां पर प्राचीन बसावटों के कारण सकरी गलियां होने से ड्राइनेज और सीवेज सिस्टम को लागू करने में मुश्किलें आ रही हैं। फिर भी यहां पर किसी को समस्या न हो, ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं।

भारत में अमरीकी राजदूत एच. ई. एरिक गासेर्टी ने लखनऊ की तारीफ करते हुए कहा कि लखनऊ भारत का ही नहीं, बल्कि विश्व का भी स्वच्छ व सुन्दर शहर है। इस स्वच्छता को बनाये रखने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ सफाई कर्मियों की सुरक्षा, सम्मान बहुत महत्वपूर्ण है। संयुक्त राज्य अमरीका और भारत दोनों के स्वच्छता को लेकर उद्देश्य एक ही हैं। लोगों के लिए सीवेज सिस्टम की बेहतर व्यवस्था, आपशिष्ट और प्लास्टिक की रीसायकलिंग व पुन: प्रयोग के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। सीवेज कनेक्शन की सुविधा सभी को प्राप्त हो, इस पर गंभीरता से कार्य हो।
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कहा कि आज विश्व शौचालय दिवस मनाया जा रहा है। सभी को स्वच्छता बनाये रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे व्यवहार में परिवर्तन आ रहा है। उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला राज्य है, जहां सबसे अधिक नगरीय निकाय भी हैं। शहरों की स्वच्छता को बनाये रखने के लिए तकनीकी प्रयोग के साथ व्यवस्थित तरीके से मैनपावर को बढ़ाकार सफाई कार्य कराया जा रहा है। 2014 से 2019 के बीच प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में लगभग 9 लाख शौचालय बनाये गए हैं, जिसकी साफ-सफाई और रख-रखाव की समुचित व्यवस्था की गयी है। नागरिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए डीसीसीसी (डेडिकेटेड कमांड एंड कण्ट्रोल सिस्टम) की व्यवस्था की गयी है।

संयुक्त निदेशक शहरी कार्य मंत्रालय और मिशन डायरेक्टर रूपा मिश्रा ने कहा कि वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत मिशन के शुरूआत के साथ ही स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया है। एसबीएम 2.0 में कूड़ा प्रबंधन, युज्ड वाटर प्रबंधन आदि जैसे विषयों पर ध्यान दिया जा रहा है। देश में नागरिकरण के बढ़ने से स्वच्छता की जरूरत भी बढ़ी है, लेकिन सामुदायिक एवं सार्वजानिक शौचालय की सफाई अभी भी चुनौतीपूर्ण हैं। जहां पर अधिक जनसंख्या घनत्व है, वहां मल्टीस्टोरी ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में बहुत अधिक निवेश और स्टार्टअप आने की सम्भावना है। देश में 30 प्रतिशत निकाय ओडीएफ प्लस प्लस हो चुके हैं।

कार्यशाला में हुए दो एमओयू

नॉलेज शेयरिंग कार्यशाला में दो एमओयू भी किये गए। जिसमें पहला एचयूएल के साथ पीपीपी मॉडल में सामुदायिक शौचालय का संचालन और दूसरा सुलभ इंटरनेशनल के साथ ज्यादा भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण कराना है।

लखनऊ में शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता को आगे बढ़ाने पर हुई राष्ट्रीय ज्ञान कार्यशाला

विश्व शौचालय दिवस (19 नवंबर) के अवसर पर लखनऊ के द सेंट्रम में जल प्रबंधन के विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य स्वच्छता संकट से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई को प्रेरित करना है। भारत में यह दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) के तहत शहरी स्वच्छता में सुधार के लिए देश के चल रहे प्रयासों के साथ संरेखित है। प्रत्येक वर्ष स्वच्छ और सुरक्षित शौचालयों को जन-जन पहुंचाने के लिए नगर विकास विभाग प्रतिबद्ध है। साथ ही स्वच्छता कर्मियों का स्वास्थ्य और सुरक्षा, और स्थायी रूप से उपयोग की जाने वाली जल प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
एसबीएम-यू 2.0 के माध्यम से शहरी स्वच्छता के भविष्य की कल्पना करने के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के सहयोग इस कार्य को पूर्ण किया जा रहा है। दो दिवसीय कार्यशाला में उत्तर प्रदेश सरकार, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी), बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) और वॉश इंस्टीट्यूट ने प्रतिभाग किया।

कार्यशाला में जल प्रबंधन, सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों के लिए वास्तुशिल्प डिजाइनों का संकलन सहित परिवर्तनकारी पहलों की शुरूआत करनी है। सार्वजनिक शौचालयों की सफाई की निगरानी के लिए एक शौचालय ट्रैकर और शहर में नए सार्वजनिक शौचालयों की स्थापना पर मार्गदर्शन प्रदान करने वाली टूलकिट का भी प्रदर्शन किया गया। सरकारी अधिकारियों, विकास भागीदारों, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, वाश विशेषज्ञों, शहरी योजनाकारो, इंजीनियरों, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और अन्य हितधारकों के सहयोग को बढ़ावा देने, नवीन प्रथाओं को साझा करने और न्यायसंगत, समावेशी सुनिश्चित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए एक जीवंत मंच के रूप में काम करेगी और सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता प्रणाली, शहरी परिदृश्य में परिवर्तनकारी परिवर्तन लाएगी।

एसबीएमयू की 10 साल की यात्रा और एसबीएम 2.0 के तीन प्रमुख घटकों पर डिजिटल प्रदर्शनी

शौचालय 2.0 में सार्वजनिक शौचालयों की सफाई और सुरक्षा की निगरानी के लिए उपकरण, सार्वजनिक शौचालय स्थिरता के लिए व्यवसाय मॉडल, सार्वजनिक शौचालयों की साइट के लिए दिशा-निर्देश, उपयोगकतार्ओं को शौचालय तक पहुंचने के लिए बोर्ड अथवा साईनेज का प्रबंधक करना।

मेनहोल से मशीन होल
सैनीटेशन वर्कर मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना से स्वच्छता कर्मिको की गणना करके उनके संसाधनों का प्रबंधन करने में मदद मिलेगी। स्वच्छता कार्यकतार्ओं द्वारा पीपीई के उपयोग और स्वच्छता कार्यबल के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल पर अध्ययन। इसका उद्देश्य कार्यबल को प्रोफेनल बनाना है, ताकि वे सुरक्षित वातावरण में काम कर सकें।

यूज्ड वाटर मैनेजमेंट (यूडब्ल्यूएम)
छोटे और मध्यम शहरों में प्रयुक्त जल प्रबंधन के लिए एक नया दृष्टिकोण और कार्यप्रणाली पेश करना। इससे शहरों को समाधानों के सही मिश्रण के साथ 100% यूडब्ल्यूएम हासिल करने में मदद मिलेगी।

यह कार्यशाला नवाचार को प्रेरित करने और स्वच्छता व सुरक्षा के माध्यम से शहरी निकायों में कार्यों के स्थायित्व को सुनिश्चित करने के विषय पर आधारित है। कार्यशाला में भारत सरकार के शहरी विकास राज्यमंत्री तोखन साहू, प्रदेश के नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा, राज्यमंत्री राकेश राठौर गुरू, भारत में अमेरिका के राजदूत एच.ई. एरिक गासेर्टी, प्रमुख सचिव अमृत अभिजात आदि ने प्रतिभाग किया।


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