Dainik Athah

पश्चिमी उप्र के सात जिलों में सह चुनाव अधिकारी किये गये नामित

  • भाजपा के संगठन चुनाव अभियान में आई तेजी
  • प्रफुल्ल सारस्वत, गोपाल अग्रवाल, सुशील गौतम, राजेंद्र वाल्मीकि, नवेंद्र गौड़ बनें सह चुनाव अधिकारी
  • प्रदेश चुनाव अधिकारी डा. महेंद्र नाथ पांडेय ने प्रदेश में सह चुनाव अधिकारियों को किया नामित

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्टÑ और झारखंड के साथ ही उप चुनावों के बीच ही संगठन चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है। इसके साथ ही प्रदेश चुनाव अधिकारी डा. महेंद्र नाथ पांडेय ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी सह चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिये हैं।
सोमवार को भाजपा के राष्टÑीय चुनाव प्रभारी के लक्ष्मण ने लखनऊ में संगठन पर्व (संगठन चुनाव) के लिए प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ ही प्रदेश पदाधिकारियों, क्षेत्रीय अध्यक्षों एवं जिला व महानगर अध्यक्षों के साथ संगठन चुनावों को लेकर बैठक करने के साथ ही आवश्यक निर्देश दिये थे। इसके साथ ही सभी पदाधिकारियों से कहा कि वे निष्पक्ष ढ़ंग से काम करें और हर जाति और धर्म के लोगों को संगठन में जिम्मेदारी दें। इसके साथ ही उन्होंने जिलों में संगठन पर्व की कार्यशालाएं आयोजित करने के निर्देश भी दिये तथा बताया कि किस प्रकार चुनाव संपन्न करवाना है।

बैठक के बाद प्रदेश चुनाव अधिकारी डा. महेंद्र नाथ पांडेय ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सात जिलों में सह चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति कर दी। उन्होंने गाजियाबाद महानगर में महामंत्री गोपाल अग्रवाल एवं सुशील गौतम, गाजियाबाद जिले में महामंत्री राजेंद्र वाल्मीकि एवं नवेंद्र गौड़, हापुड़ जिले में पूर्व नगर पालिका चेयरमैन एवं जिला महामंत्री प्रफुल्ल सारस्वत, पुनीत गोयल, बागपत जिले में जिला उपाध्यक्ष अनिल तोमर एवं महामंत्री सरिता चौधरी, नोएडा महानगर में क्षेत्रीय मंत्री विजेंद्र नागर एवं क्षेत्रीय संयोजक विधि विभाग राजीव त्यागी, गौतमबुद्धनगर में जिला महामंत्री धर्मेंद्र कोरी एवं योगेश चौधरी तथा बुलंदशहर जिले में पूर्व जिला महामंत्री जय प्रकाश शर्मा एवं पूर्व जिलाध्यक्ष किसान मोर्चा शिम्भू सिंह राघव को सह चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है।
भाजपा सूत्र बताते हैं कि ये सभी सह सह चुनाव अधिकारी बूथ से लेकर मंडल अध्यक्ष तक के चुनाव संपन्न करवायेंगे। जबकि जिलों के चुनाव प्रभारियों की घोषणा अगले एक- दो दिन में कर दी जायेगी।

जिन जिलों में विधानसभा उप चुनाव है वहां पर भाजपा को अवश्य कुछ परेशानी होगी। यह भी देखने में आया है कि केवल गाजियाबाद, हापुड़ जिलों में ही महामंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि अन्य जिलों में पूर्व पदाधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।


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