अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की लगन और कर्तव्यनिष्ठा की चर्चा पूरे जिले में होती है। कलेक्ट्रेट परिसर में इधर – उधर भटक रहे लोगों को देखने पर खुद रुककर उनकी बात सुनने और मौके से ही उनकी समस्या निस्तारण के कई मामले सामने आ चुके हैं। स्कूली बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक से उन्हीं के अंदाज में बात करके संतुष्ट करने के माहिर डीएम इन्द्र विक्रम सिंह मंगलवार को अपने कार्यालय में जन सुनवाई कर रहे थे। बता दें कि ठीक पौने 10 बजे जन सुनवाई के लिए वह अपने कार्यालय में उपलब्ध हो जाते हैं।
अपने काम में संतोष मिलने पर हावी नहीं होती थकान
इतनी भागदौड़ के बाद भी रोजाना सुबह पौने 10 बजे कार्यालय पहुंचने के सवाल पर जिलाधिकारी कहते हैं कि कर्तव्यों का पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से पालन करने में जो संतोष मिलता है, उसके बाद थकान हावी नहीं हो पाती। अच्छे से काम करने के बाद रात में निश्चिंत होकर सोते हैं तो शरीर सुबह जल्दी उठकर काम करने के लिए फिर से तैयार हो जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सफलता के लिए संतोष और शुकून जरूरी है, और वह ईमानदारी और मेहनत से ही मिल सकता है।
राजस्व, जीडीए और पुलिस से संबंधित शिकायतें मिलीं
मंगलवार को जन सुनवाई के दौरान पहुंचे फरियादियों ने जिलाधिकारी के समक्ष राजस्व के अलावा नगर निगम, (गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) और पुलिस से संबंधित शिकायतें रखीं। उन्होंने फरियादियों की पूरी बात तसल्ली से सुनने के साथ ही शिकायतों के त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु संबंधित अधिकारियों को मौके से निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि आम जनता से जुड़े पदों पर रहते हुए हमारा लक्ष्य समस्याओं के स्थायी निराकरण का होना चाहिए। जनसुनवाई के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. संतोष कुमार उपाध्याय भी उपस्थित रहे।