- सीएम योगी के विजन अनुसार, मेरठ के वेदव्यास पुरी में रत्नों व स्वर्णाभूषण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फ्लैटेड फैक्टरी कॉम्पलेक्स का होगा निर्माण
- मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) द्वारा तैयार विस्तृत कार्ययोजना हुई क्रियान्वित, डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर कार्य हुआ शुरू
- 24 महीनों की समयावधि में निर्माण व विकास कार्यों को पूरा करने का रखा गया है लक्ष्य, नवंबर से निर्माण प्रक्रिया भी हो सकती है शुरू
- 32 हजार स्क्वेयर मीटर होगा फ्लैटेड फैक्टरी कॉप्मलेक्स का प्रसार क्षेत्र, बहुमंजिला इमारत का होगा निर्माण
- मेरठ-हरिद्वार व दिल्ली-मेरठ हाइवे के समीप होने के साथ ही गंगा एक्सप्रेसवे से मात्र 20 किमी दूर है चिह्नित क्षेत्र
अथाह ब्यूरो लखनऊ। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार अब मेरठ में ज्वेलरी उद्योग को नई गति प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाने जा रही है। सीएम योगी के विजन अनुसार, मेरठ के वेदव्यास पुरी में रत्नों व स्वर्णाभूषण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बहुमंजिला फ्लैटेड फैक्टरी कॉम्पलेक्स का निर्माण होगा। मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) द्वारा तैयार विस्तृत कार्ययोजना को क्रियान्वित करते हुए डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर कार्य शुरू हो गया है। परियोजना के अंतर्गत 24 महीनों की समयावधि में निर्माण व विकास कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है तथा नवंबर अंत से निर्माण प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।
32 हजार स्क्वेयर मीटर प्रसार क्षेत्र में होगा निर्माण
इस फ्लैटेड फैक्टरी का 32 हजार स्क्वेयर मीटर प्रसार क्षेत्र है और यह स्ट्रैटेजिक लोकेशन पर बेस्ड है। फ्लैटेड फैक्टरी के निर्माण के लिए चिह्नित क्षेत्र मेरठ-हरिद्वार हाइवे पर स्थित है और दिल्ली-मेरठ हाइवे से इसकी दूरी मात्र 3 किलोमीटर है, वहीं गंगा एक्सप्रेसवे से इसकी दूरी 20 किलोमीटर है। इतना ही नहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ज्वेलरी टेक्नोलॉजी परिसर से यह मात्र 1.5 किलोमीटर दूरी पर स्थित होगा। जेवर एयरपोर्ट से भी ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के माध्यम से इसकी कनेक्टिविटी अच्छी होगी और मात्र 45 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। –
प्रदेश में एक बड़ी अहमियत रखता है मेरठ का ज्वेलरी उद्योग
मेरठ का ज्वेलरी उद्योग प्रदेश में एक बड़ी अहमियत रखता है। एक तथ्य यह भी है कि प्रति वर्ष यहां की ज्वेलरी उद्योग का टर्नओवर 2000 करोड़ से अधिक होता है और 40 हजार से ज्यादा स्वर्णकार, रत्नकार व आभूषण विक्रेता इस उद्योग के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर मेरठ में वर्ष 2016 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ज्वेलरी टेक्नोलॉजी (एनआईजेटीएम) की स्थापना भी की गई थी।
भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर होगा निर्माण, नए अवसर उत्पन्न करने का बनेगा माध्यम
काफी वक्त से मेरठ के रत्नों व स्वर्णाभूषण उद्योगों की मांग रही है कि यहां के पारंपरिक सर्राफा बजार को विस्तारित करने की जरूरत है। ऐसे में, सीएम योगी का नया प्रयास इस मांग की पूर्ति करने के साथ ही भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर न केवल इस उद्योग बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी रोजगार समेत तमाम नए अवसर उत्पन्न करने का माध्यम बनेगा। इससे, यह क्षेत्र ज्वेलरी उद्योग के एक विस्तारित हब के रूप में विकसित होगा जहां दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा व फरीदाबाद समेत हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों से उद्योगपति व आम नागरिक यहां ज्वेलरी की खरीदारी करने आ सकेंगे।
मॉडर्न ट्रंक फैसिलिटीज का माध्यम बनेगा फ्लैटेड फैक्टरी कॉम्पलेक्स
-परियोजना के अंतर्गत, फ्लैटेड फैक्टरी का कॉम्पलेक्स मॉडर्न ट्रंक फैसिलिटीज व प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर से युक्त होगा।-इस कॉम्पलेक्स का निर्माण स्टेट ऑफ द आर्ट ऑटोमेशन युक्त किया जाएगा, जो इसे वर्ल्ड क्लास एमिनिटीज युक्त बनाएगा। यह मेरठ व वेदव्यास पुरी के विकास और उन्नति के अनंत अवसर उत्पन्न करेगा।-कॉम्पलेक्स को लिफ्ट सिस्टम, इंटेलिजेंट सिक्योरिटी, लाइटिंग व पार्किंग सिस्टम से युक्त किया जाएगा।-परियोजना के अंतर्गत, बनने वाले फ्लैटेड फैक्टरी कॉम्पलेक्स में कॉमन एग्जिबिशन व कॉन्फ्रेंस वेन्यू भी होंगे।-कॉम्पलेक्स को सस्टेनेबिलिटी के आधुनिक प्रतिमानों के अनुरूप बनाया जाएगा और यूनिवर्सल गवर्नेंस इंटरफेस युक्त किया जाएगा।-इस परिसर में रत्न व स्वर्णाभूषण उद्योग से जुड़े उद्यमियों के शो रूम व कारखाने होने के साथ ही नॉन पॉल्यूटिंग स्टार्टअप्स व सेक्टर्स को भी जगह मिलेगी।